December 5, 2025

बिहार में अब जमीन और मकान की रजिस्ट्री होगी पेपरलेस, नियमावली लाएगी सरकार, नए साल से लागू होगा नियम

पटना। बिहार सरकार अब संपत्ति निबंधन की व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाने जा रही है। राज्य में जमीन और मकान की रजिस्ट्री को पूरी तरह डिजिटल बनाने की तैयारी अंतिम चरण में है। वित्तीय वर्ष 2025-26 से नई पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू कर दी जाएगी। इसके लिए बिहार निबंधन नियमावली 2025 का प्रारूप तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। सरकार के अनुसार, इस नई व्यवस्था का उद्देश्य आम लोगों को सरल, तेज और भ्रष्टाचार-मुक्त सेवा देना है। साथ ही डिजिटल दस्तावेजों के माध्यम से संपत्ति की सुरक्षा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
कागज रहित रजिस्ट्री से मिलेगी बड़ी राहत
अब तक लोग रजिस्ट्री कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते थे और कागजी दस्तावेजों के कारण कई बार प्रक्रियाएं लंबी हो जाती थीं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पूरी रजिस्ट्री प्रक्रिया डिजिटल होगी। इसके पूरा होते ही लोगों को संपत्ति का वैध डिजिटल दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा। डिजिटल रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहेंगे, जिससे दस्तावेजों के खोने, चोरी या हेराफेरी की आशंका समाप्त हो जाएगी। यह प्रणाली संपत्ति विवादों को सुलझाने में भी मदद करेगी, क्योंकि सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में अदालत और प्रशासन के लिए आसानी से उपलब्ध होंगे।
नियमावली तैयार करने के लिए गठित हुई उच्चस्तरीय समिति
पेपरलेस रजिस्ट्री को सफल बनाने के लिए सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है, जिसकी अध्यक्षता मगध प्रमंडल, गया के सहायक निबंधन महानिरीक्षक कर रहे हैं। समिति में सेवानिवृत्त विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है ताकि वर्षों का अनुभव नियमावली में उपयोग हो सके। राज्य के सभी सहायक निबंधन महानिरीक्षकों से भी सुझाव मांगे गए हैं। विभाग चाहता है कि नियमावली ऐसी बने, जिसे पूरे राज्य में बिना किसी रुकावट और भ्रम के लागू किया जा सके।
डिजिटल निबंधन के नए प्रावधान
नई ई-निबंधन प्रणाली में कई तकनीकी और सुरक्षा संबंधी बदलाव शामिल होंगे। इनमें से कुछ प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं— बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। खरीदार और विक्रेता दोनों को आधार कार्ड आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। इससे फर्जी पहचान पत्र या नकली व्यक्तियों के माध्यम से की जाने वाली रजिस्ट्री की घटनाओं पर रोक लगेगी।
डिजिटल हस्ताक्षर का महत्व बढ़ेगा
अब पारंपरिक हस्ताक्षर के बजाय बायोमेट्रिक साइन को वैध डिजिटल हस्ताक्षर माना जाएगा। इससे दस्तावेजों की सत्यता और सुरक्षा मजबूत होगी।
सभी दस्तावेज होंगे ऑनलाइन अपलोड
रजिस्ट्री से जुड़े सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में अपलोड किए जाएंगे और क्लाउड सिस्टम में सुरक्षित रखे जाएंगे। इससे फाइलें खराब होने, नष्ट होने या गायब होने का खतरा नहीं रहेगा।
ऑनलाइन भुगतान प्रणाली लागू होगी
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान अब केवल ऑनलाइन ही किया जा सकेगा। नकद लेनदेन की अनुमति खत्म कर दी जाएगी। नेट बैंकिंग, यूपीआई और कार्ड पेमेंट की सुविधा उपलब्ध रहेगी। यह कदम रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाएगा और भ्रष्टाचार की संभावना को समाप्त करेगा।
जनता के लिए कैसे फायदेमंद होगी नई प्रणाली
पेपरलेस रजिस्ट्री से लोगों को कई प्रकार की सहूलियतें मिलेंगी। अब लंबी कतारें नहीं लगानी होंगी और ना ही कागजी दस्तावेज जमा करने की झंझट होगी। पूरा काम ऑनलाइन होने से समय की बचत होगी। डिजिटल दस्तावेज हमेशा उपलब्ध रहेंगे और जरूरत पड़ने पर सिर्फ एक क्लिक में डाउनलोड किए जा सकेंगे। इससे संपत्ति विवादों और स्वामित्व के प्रमाण में आसानी होगी।
आधुनिक और पारदर्शी रजिस्ट्री की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का इरादा है कि बिहार निबंधन नियमावली 2025 राज्य की निबंधन प्रणाली को पूरी तरह आधुनिक स्वरूप दे। यह सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में भी बड़ा कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में यह प्रणाली बिहार में संपत्ति लेनदेन को अधिक सुरक्षित, सुगम और विश्वसनीय बनाएगी।

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