पटना के हाईटेक हॉस्पिटल में गुंडाराज, पत्रकारों को पीटा, क्या मिलेगा पत्रकारों को न्याय

पटना/दानापुर। चौथा स्तंभ खतरे में आ गया है। कहीं पत्रकार की हत्या हो रही है तो कहीं जानलेवा हमला। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है सोमवार की रात्रि दानापुर क्षेत्र में हाईटेक हॉस्पिटल की। खबर कवरेज करने गए पत्रकारों पर हॉस्पिटल के गुंडों द्वारा जानलेवा हमला किया गया। इस हमले में पत्रकार संजय पाण्डेय, विकास व एक अन्य पत्रकार जख्मी हो गए हैं। संजय पाण्डेय की स्थिति नाजुक बनी हुई है। घायल पत्रकारों को बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर किया गया है। बताया जाता है कि हाईटेक हॉस्पिटल एक भाजपा नेत्री का है। हाईटेक हॉस्पिटल में मरीजों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है किसी से छिपी हुई नहीं है। हालांकि डीआईजी एनएच खां ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शने की बात कही है।

घटना के बारे में बताया जाता है कि सड़क दुर्घटना में दो युवक घायल हो गए थे, जिसका इलाज दानापुर के हाईटेक अस्पताल में चल रहा था। जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। युवक का शव परिजनों को नहीं सौंपे जाने पर मृतक के परिजनों ने सूचना पत्रकारों को दी तो पत्रकार अस्पताल पहुंचकर खबर कवरेज कर रहे थे। इसी दौरान अस्पताल के कर्मी व गार्ड ने मिलकर पत्रकारों पर हमला बोलते हुए मारपीट, गाली-गलौज कैमरा व पैसा छीन लिया। उसी क्रम में दो पत्रकार का सिर फट गया। हालांकि घटना की सूचना मिलने पर दानापुर थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह दल-बल के साथ हाईटेक अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के हवाले से घटना के बारे में पत्रकार संघ ने घोर निंदा करते हुए एक आपातकाल बैठक बुलाई है। बैठक के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अब देखना होगा कि क्या पत्रकारों को न्याय मिल पाता है या नहीं ? बताया जाता है कि इससे पहले भी कई पत्रकार पर जानलेवा हमला हो चुका है। लेकिन अभी तक कोई पत्रकार को न्याय नहीं मिल पाया है।
बहरहाल, मामले को दबाने के लिए जिस तरीके से अस्पताल प्रशासन ने पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया है, उससे यही प्रतीत होता है कि सुशासन के सरकार में अब पत्रकार भी सुरक्षित नहीं रहे। उक्त अस्पताल एक भाजपा नेत्री का बताया जाता है और उक्त भाजपा नेत्री कुछ माह पूर्व एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल भी हुई थी, जिसे देखने मंत्री नंदकिशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत भाजपा के अन्य नेता हाईटेक हॉस्पिटल गए थे और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी लिए थे। इससे यही पता चलता है कि जिस तरीके से अन्य मामलों को रफा-दफा कर दिया जाता है कहीं यह मामला भी रफा दफा न कर दिया जाए। हालांकि पटना पुलिस ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है और हर हाल में आरोपियों को नहीं बख्शने की बात कही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस सुशासन की सरकार में पत्रकारों को न्याय मिल पाता है या फिर चौथा खंभा खतरे में रहता है।

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