जब बिहार की सभ्यता-संस्कृति देख विदेशी महिलाओं ने कहा ‘अमेजिंग’
दही खाओ, इनाम पाओ प्रतियोगिता देखने पहुंचे विदेशी, 600 लोगों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
फुलवारीशरीफ। सुधा डेयरी की 8वीं दही खाओ, इनाम पाओ प्रतियोगिता मंगलवार को पटना डेयरी परिसर में शुरू हो गयी। अनोखी प्रतियोगिता देखने विदेशी महिलाएं भी सुधा डेयरी पहुंची। बिहार सरकार के विकास प्रबंधन संस्थान के सुबोध कुमार के साथ बिहार भ्रमण पर पहुंची तीन विदेशी महिलायें सुधा डेयरी की इस अनोखी प्रतियोगिता देख कहा- वाऊ, अमेजिंग है बिहार। इसमें 600 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि मंगलवार को साढे दस बजे तक रजिस्ट्रेशन का समय था। इस प्रतियोगिता के लिए महिला एवं पुरुष को अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है। 600 लोगों में 475 पुरुष और 125 महिलाएं हैं। इसकी जानकारी देते हुए प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्घाटन दुग्ध उत्पादक संघ से सम्बद्ध सुधा डेयरी के अध्यक्ष संजय कुमार ने किया। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि पिछले पांच वर्षो से आयोजित यह कार्यक्रम बिहार के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद एवं दिल्ली में भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने बताया कि गोनू झा व्प्रसिद्ध उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेनू की कहानी, पुरखों के ज़माने के बैल गाड़ी दौड़ प्रतियोगिता, रसगुल्ला खाओ प्रतियोगिता से प्रभावित होकर एवं बिहार की पारम्परिक सभ्यता संस्कृति से आज की नयी पीढ़ी को अवगत कराना ही इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से प्रारम्भ की गई अपने तरह की अनूठी प्रतियोगिता दही खाओ, ईनाम पाओ दिन ब दिन लोगों के बीच चर्चा का विषय हो गया है। अब विदेशों में भी दही खाओ इनाम पाओ प्रतियोगिता काफी प्रचलित हो गया है। दही खाने हेतु तीन मिनट का समय निर्धारित था। प्रतियोगिता महिला एवं पुरूष वर्ग में अलग-अलग आयोजित किया गया।
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