नेहरु युवा केंद्र व राधा-शांता में हिन्दी दिवस को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित

तिलौथू (रोहतास)। प्रखंड अंतर्गत थाना क्षेत्र में जिला मुख्यालय सासाराम व रोहतास के नेहरु युवा केंद्र युवा कार्य्रकम एवं भारत सरकार के खेल मंत्रालय के तत्वाधान में नेहरु युवा केंद्र रोहतास-सासाराम कार्यालय में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित की गयी। आयोजित कार्यक्रम में नेहरु युवा केंद्र के जिला युवा समन्वयक सूर्यकांत कुमार की अध्यक्षता में की गयी और सभी प्रखंड से पहुंचे राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि बहुत सी बोलियों और भाषाओं वाले हमारे देश में आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ आखिरकार 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। हालांकि शुरू में हिंदी और अंग्रेजी दोनों को नए राष्ट्र की भाषा के तौर पर चयन किया गया और संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिंदी के साथ अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया लेकिन वर्ष 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने हिंदी को ही भारत की राजभाषा घोषित किया। हिंदी को देश की राजभाषा घोषित करने के दिन के साथ प्रत्येक वर्ष हिंदी दिवस मनाने का भी फैसला किया गया। हालांकि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया। मौके पर औरंगाबाद जिले के लेखापाल नवीन कुमार, कैमूर जिले के लेखापाल चंद्रकांत चौधरी, सहायक लेखापाल चंदेश्वर पांडेय, अभिषेक कुमार, चंदन कुमार, प्रीति दुबे, काजल कुमारी, सुप्रिया कुमारी, प्रिया कुमारी, पुष्पा कुमार, सोनू कुमार, दीपक कुमार पप्पू कुमार, पूजा कुमारी एवं सभी प्रखंड से पहुंचे राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक उपस्थित थे। वहीं दूसरी ओर प्रखंड के राधा-शांता कॉलेज परिसर में एनएसएस के बैनर तले हिंदी दिवस का कार्यक्रम आयोजित की गयी। मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक ओम प्रकाश सिंह ने अध्यक्षता की। इसके बाद राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनायी जाती है। 14 सितंबर वर्ष 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा रहेगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राजभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनायी जाती है। इसे लेकर एक तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यवहार राजेन्द्र सिन्हा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिये काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर राजेन्द्र सिन्हा ने अथक प्रयास किये। इसके चलते उन्होंने दक्षिण भारत की कई यात्राएं भी की और लोगों को मनाया। मौके पर प्रधान श्रीकांत, मुस्कान खातून, रजत खातून, नेहा कुमारी, नाच खातून के साथ दर्जनों छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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