जिम ट्रेनर गोलीकांड : मुख्य आरोपी खुशबू सिंह को कोर्ट ने बेल देने से किया इनकार, एसएसपी पर मिलीभगत का लगाया आरोप

पटना। जिम ट्रेनर विक्रम सिंह गोलीकांड में जेल में बंद मुख्य आरोपी खुशबू सिंह को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बेल देने से इनकार कर दिया। मंगलवार को पटना में एडीजे-24 राकेश कुमार तिवारी की कोर्ट में जमानत याचिका पर करीब एक घंटे तक बहस हुई। इसके बाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए सरकारी वकील से कहा कि इंज्यूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द मंगवाकर कोर्ट में जमा कराइए। अगर जल्द से जल्द जमा नहीं हुआ तो मैं फैसला दे दूंगा।
केस डायरी खुशबू के वकील के पास पहले कैसे पहुंची?
विक्रम सिंह के वकील द्विवेदी सुरेंद्र के अनुसार, कोर्ट में खुशबू के वकील ने बहस की शुरूआत ही केस डायरी से की। जो हमारे पास नहीं है, लेकिन आरोपी के वकील के पास थी। सवाल यह है कि यह केस डायरी खुशबू के वकील के पास पहले कैसे पहुंची? विक्रम की इंज्यूरी रिपोर्ट भी आज नहीं आई। सुरेंद्र ने बताया कि भरी कोर्ट में खुशबू के वकील ने कहा कि विक्रम सिंह के साथ कोई घटना ही नहीं हुई है। उसे कुछ नहीं हुआ है। गलत बयान दिया जा रहा है। घटना तो किसी सचिन के साथ हुई है। विक्रम को गोली नहीं मारी गई है।

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एसएसपी पर मिलीभगत का आरोप
खुशबू को जमानत दिलाने के लिए कुल 5 वकीलों की टीम आई थी। बहस हाईकोर्ट के वकील कर रहे थे। विक्रम के वकील द्विवेदी सुरेंद्र ने बताया, खुशबू के वकील ने इस मामले में सीधे तौर पर पटना एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा को कटघरे में खड़ा कर दिया। आरोप लगाया कि खुशबू और उनके पति राजीव कुमार सिंह को फंसाने की साजिश है। कोई बड़ा गैंग है, जो इन्हें फंसा रहा है। उस गैंग के इशारे पर विक्रम काम कर रहा है। वह झूठा आरोप लगा रहा है। झूठे इंफॉर्मेंट और एसएसपी की मिलीभगत है, क्योंकि विक्रम ने पीएमसीएच में घटना के संबंध में जो बयान दिया, वो करीब 5 घंटे के बाद दिया। यह सोंची समझी साजिश है।
22 सितंबर को मारी गई थी गोली
बता दें कि उक्त घटना में घायल विक्रम ने पुलिस के सामने खुशबू सिंह और उसके फिजियोथेरेपिस्ट पति डॉ. राजीव कुमार सिंह का नाम लिया था। इसके बाद 4 दिनों की जांच-पड़ताल और ठोस सबूतों के आधार पर पुलिस ने 22 सितंबर की रात खुशबू और उसके पति को अपने हिरासत में लिया था और 23 सितंबर को इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की थी। साथ ही पुलिस ने लाइनर का काम करने वाले खुशबू के पुराने प्रेमी मिहिर सिंह और 3 शूटर्स को भी गिरफ्तार किया था। 23 सितंबर की शाम प्रेस कांफ्रेंस में खुद पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने इस हाई प्रोफाइल केस का खुलासा किया था।

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