मंत्री ने किया जीविका के कार्यकलापों की समीक्षा, बोले- बिहार के सभी सदर अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों में खुलेगी दीदी की रसोई

पटना। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को जीविका के कार्यकलापों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जीविका के क्षेत्र में और गति लाने हेतु निर्देश दिया ताकि स्वयं सहायता समूह की ग्रामीण महिलाएं सभी क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके। उन्होंने बताया कि बिहार के सभी सदर अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में दीदी की रसोई खुलेगी। अभी जीविका की ओर से 35 जिलों के सदर अस्पताल में दीदी की रसोई का संचालन किया जा रहा है। सभी जिलों में दीदी की रसोई खोलने का लक्ष्य तय किया गया है और यह जल्द ही शुरू हो जाएगा।
जीविकोपार्जन हेतु मत्स्यपालन कार्य शुरू
उन्होंने कहा कि जीविका के सहयोग से सदस्यों द्वारा दूध उत्पादन एवं मत्स्य पालन का कार्य हो रहा है। अब तक पांच जिलों में जीविकोपार्जन हेतु मत्स्यपालन कार्य शुरू किया गया है। इसे भी अन्य जिलों में विस्तार किया जाएगा। कौशिकी दुग्ध उत्पादक कंपनी की स्थापना की गई है। इससे समूह सदस्यों के आय में वृद्धि हुई है। जीविका की ओर से 64 ग्रामीण बाजारों का संचालन किया जा रहा है। इससे दो हजार 659 किराना दुकान जुड़े हुए हैं। 16 नए ग्रामीण बाजार शीघ्र ही खोले जाने हैं। मधुमक्खी पालन और स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम पर भी काम हो रहा है।
मास्क से 168 करोड़ 14 लाख का व्यवसाय
मंत्री ने कहा कि कोरोना के समय जीविका दीदियों ने 11 करोड़ 85 लाख मास्क की बिक्री की, जिसमें 168 करोड़ 14 लाख का व्यवसाय हुआ। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत दो लाख 89 लाख 320 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। तीन लाख 29 हजार 590 युवाओं का नियोजन या स्वनियोजन हुआ है। पौधशाला से शिशु पौधे दिया जे रहे हैं। सोलर मार्ट व सोलर फैक्ट्री के क्षेत्र में जीविका दीदी काम कर रही हैं। सतत जीविकोपार्जन के तहत एक लाख 25 हजार 261 परिवारों का चयन किया गया है। इसमें ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री से जुड़े 26 हजार 612 परिवार व देसी शराब के उत्पादन व बिक्री से जुड़े चार हजार 733 अत्यंत निर्धन परिवार शामिल हैं। 97 हजार 242 परिवारों को जीविकोपार्जन अंतराल राशि दी जा चुकी है।

About Post Author

You may have missed