नि:संतानता के लिए महिला-पुरूष दोनों बराबर के जिम्मेदार, 6 में एक कपल को संतान प्राप्ति में बाधा : डॉ. दयानिधि

- नेशनल फर्टिलिटी अवार्ड्स में इंदिरा आईवीएफ का शानदार प्रदर्शन
पटना। इंदिरा आईवीएफ ने नेशनल फर्टिलिटी अवार्ड्स 2022 में शानदार प्रदर्शन किया है। हेल्थ वर्ल्ड द्वारा नई दिल्ली में वर्चुअल रूप से आयोजित इस पुरस्कार समारोह में इंदिरा आईवीएफ को कुल 54 कैटेगरी में 18 पुरस्कार प्रदान किये गये। इन पुरस्कारों के लिए देशभर के तकरीबन एक हजार आईवीएफ सेंटर ने अपना नामांकन कराया था, जिसमें इंदिरा आईवीएफ, पटना ने सबसे अधिक तीन पुरस्कार हासिल किये। पटना सेंटर को आईवीएफ क्लीनिक आफ द ईयर (पूर्व) का पुरस्कार दिया गया। वहीं पटना सेंटर के हेड डॉ. दयानिधि शर्मा को हॉल आॅफ फेम एम्ब्रयोलॉजिस्ट (पूर्व) के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जबकि इंटीग्रेटेड टीम की श्रेणी में पूर्वी जोन की पटना टीम बेस्ट टीम घोषित की गई। इस टीम में डॉ. अनुजा और उनके साथ डॉ. सुनीता, डॉ. सोनाली, डॉ. मोक्षा, डॉ. रीना रानी और डॉ. राकेश सहित कुल 70 लोगों की टीम शामिल है। वहीं इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के सीईओ और सह-संस्थापक डॉ. क्षितिज मूर्डिया को हॉल आफ फेम आइवीएफ स्पेशयलिस्ट का पुरस्कार मिला।
डॉ. दयानिधि ने पत्रकारों को बताया कि पटना में 2015 में सेंटर की स्थापना हुई थी। अब तक लगभग 8 हजार दंपतियों को नि:संतानता से मुक्ति दिलायी गई है। वहीं आज बिहार में हमारे कुल 7 सेंटर हैं। उन्होंने कहा कि नि:संतानता के लिए महिला और पुरूष दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 कपल में से एक कपल को संतान प्राप्ति में बाधा आती है, जो वैज्ञानिक तरीके से संभव है। इसका सक्सेस रेट 72 से 80 प्रतिशत है।
