शिक्षक भर्ती परीक्षा में घोटाला करने के बाद अब पोस्टिंग में भी घोटाला कर रही नीतीश सरकार : जीतनराम मांझी

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित 1 लाख 20 शिक्षकों की पोस्टिंग शुरू हो गई है। रैंडमाइजेशन के आधार पर अभी तक 16 जिलों में अध्यापकों का पदस्थापन कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों का आवंटन भी कर दिया है। माना जा रहा है कि छठ से पहले सभी शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी जाएगी। इसी कड़ी में अब इन नए बहाल टीचरों को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में टीचरों की पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर धांधली हो रही है। जीतनराम मांझी इन दिनों बिहार सरकार पर काफी हमलावर नजर आ रहे हैं। मांझी लगातार नीतीश तेजस्वी के खिलाफ सवाल कर रहे हैं। ऐसे में अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि- शिक्षक नियुक्ति में तो धांधली कर ली अब पोस्टिंग में भी घोटाला शुरू हो गया है। मोटा माल लेकर बाहर राज्यों के शिक्षकों की पदास्थापना शहरों में कर बिहारी शिक्षको को गांवो मे भेजा जा रहा है। पैसे में बहुत शक्ति होती है भाई। पता नहीं सरकार में शामिल चाचा-भतीजा अनाज खातें हैं या नोट। लोक सेवा आयोग के तरफ से बहाल हुए टीचरों को 20 नवंबर से योगदान देने को कहा गया है। लिहाजा कई जिलों में विद्यालय आवंटन करते हुए हैं। लेकिन, इस दौरान जो समस्या सबसे अधिक देखने को मिली है वो ये है कि इस परीक्षा में सफल हुए दूसरे राज्यों के टीचर को शहरों के स्कूल में पोस्टिंग न देकर ग्रामीण इलाकों में पोस्टिंग दी जा रही है। ऐसे में अब इसको लेकर सवाल उठाना शुरू हो गया है। बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद स्कूल आवंटन भी कर दिया गया है। रेंडमाइजेशन से हुए स्कूल आवंटन में कई खामियां उजागर हो रही हैं। कुछ स्कूलों में जहां शिक्षकों की संख्या बच्चों के अनुपात दोगुनी से भी ज्यादा कर दी गई है तो वहीं कुछ स्कूलों में डिमांड के बाद भी एक भी शिक्षक नहीं भेजे गए। जबकि वहां वर्ग कक्षों की संख्या काफी अधिक है और शिक्षकों की कमी के कारण दो-दो वर्ग के बच्चों को एक वर्ग में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। बिहार में 1.7 लाख शिक्षकों के लिए भर्ती निकाली गई थी। जिसमें एक लाख 20 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देकर उनकी पोस्टिंग की गई है। खुद केके पाठक भी इस भर्ती को लेकर कह चुके हैं कि अगर आप गांव में नहीं रह सकते तो ये नौकरी तुरंत छोड़ दें क्योंकि ये नियुक्ति गांवों के लिए की गई है।

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