गीता-रामायण-बाइबल और कुरान आस्था की चीज, जाप सुप्रीमों बोले- धार्मिक चीजों पर ऊँगली उठाना गलत  

पटना। बिहार के अपने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विवादित बयान को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। राजद कोटे के मंत्री ने एक बार फिर रामचरितमानस को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसके बाद से ही बिहार की सियासत गरमाई हुई है। इसी कड़ी में जाप प्रमुख पप्पू यादव ने उनपर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा की राजनीतिक व्यक्ति के द्वारा रामायण, इस्लाम और दलित के ऊपर उंगली उठाना राजनीतिक रूप से सही नहीं है। गीता, कुरान, बाइबिल या रामायण हो। यह आस्था की चीज है। मानो तो देव नहीं तो पत्थर। तुम मानो या ना मानो। लेकिन गीता, रामायण, बाइबल और कुरान पर किसी को भी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। क्योंकि, यह भावनाओं की चीज है। ऐसी चीजों से राजनीतिक व्यक्ति को बचना चाहिए। वहीँ, के.के पाठक के विवाद पर उन्होंने कहा की मत्री जी आप सर्वोच्च है। आपसे ऊपर के.के पाठक नहीं है। के.के पाठक को PC करने का राईट नहीं है। बिहार सरकार इसकी इज़ाजत नहीं देता है। जाप सुप्रीमों ने गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर कहा की बिहार को स्पेशल स्टेटस देने की बात नहीं की। एम्स निर्माण की बात नहीं की। दरभंगा के पेपर मिल की बात नहीं किया। मैं अमित शाह का पैर धोकर पियूंगा। यदि वे मधेपुरा के दूध की फैक्ट्री, मधुबनी का तीनों चीनी मिल, दरभंगा का पेपर मिल और सीमांचल और कोसी को बाढ़ से मुक्त कर दें। सब लगे हैं मनुस्मृति और कुरान की कथा पढ़ने में। उन्होंने आगे कहा की हमारी पार्टी किसी भी धर्म और आस्था के साथ मजबूती के साथ खड़ा है। किसी भी दलित या किसी भी विचारधारा के साथ खड़ी है। किसी भी विचारधारा को चैलेंज करने वाले की दुकान चल सकती है। लेकिन समाज को ठेस पहुंचाने की इजाजत हमारी पार्टी नहीं दे सकती। उन्होंने आगे कहा की अमित शाह की रैली फ्लॉप है। उन्होंने मिथिला सीमांचल और बिहार का अपमान किया है। वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन के द्वारा एंकर पर बैन लगाने को लेकर कहा कि आतंकवादी और उग्रवादी की तरह बात करने वाला टपोरी पत्रकार को बैन नहीं करेगा तो क्या करेगा। उनके पास साइकिल नहीं था और करोड़पति बन गया है।

About Post Author

You may have missed