पटना में मिलावट पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कार्रवाई, रेस्टोरेंट में मिला नकली पनीर, जूस में था केमिकल
पटना। नए साल के जश्न से पहले पटना में खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है। लोगों की सेहत से किसी भी तरह का समझौता न हो, इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने मिलावट के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। इसी कड़ी में पटना के अलग-अलग इलाकों में की गई छापेमारी के दौरान जूस, शेक और पनीर में मिलावट के गंभीर मामले सामने आए हैं। इन खुलासों के बाद न केवल संबंधित दुकानदारों पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि आम लोगों में भी चिंता बढ़ गई है।
कंकड़बाग के रेस्टोरेंट में नकली पनीर का खुलासा
खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने कंकड़बाग स्थित कृष्णा होटल एंड फैमिली रेस्टोरेंट में निरीक्षण के दौरान पनीर में मिलावट पकड़ी। जांच में यह पुष्टि हुई कि रेस्टोरेंट में असली दूध से बना पनीर नहीं, बल्कि नकली पनीर का इस्तेमाल किया जा रहा था। नकली पनीर आमतौर पर केमिकल और सिंथेटिक पदार्थों से तैयार किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। यह पनीर देखने में तो असली जैसा लगता है, लेकिन लंबे समय तक इसका सेवन करने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
जूस और शेक में केमिकल का इस्तेमाल
इसी अभियान के तहत राजेंद्र पुल के पास स्थित कृष्णा जूस एवं शेक सेंटर की भी जांच की गई। यहां फूड इंस्पेक्टर अजय कुमार ने निरीक्षण के दौरान एक संदिग्ध पाउडर बरामद किया, जिस पर ‘डी’ नाम लिखा हुआ था। पूछताछ के दौरान दुकानदार ने बताया कि यह पाउडर जूस और शेक को गाढ़ा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इसे दिल्ली से मंगवाया जाता है। हालांकि विभाग की नजर में यह पाउडर केमिकलयुक्त माना जा रहा है, जिसका खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल स्वास्थ्य मानकों के खिलाफ है।
फूड इंस्पेक्टर की जांच प्रक्रिया
फूड इंस्पेक्टर अजय कुमार ने दोनों स्थानों पर गहन जांच की। उन्होंने पनीर, जूस और शेक के सैंपल एकत्र कर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है। विभाग का कहना है कि जब तक लैब रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। हालांकि प्रारंभिक जांच में जो संकेत मिले हैं, वे मिलावट की ओर साफ इशारा कर रहे हैं। फूड इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि दुकानदारों को पहले ही खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने की चेतावनी दी जाती रही है।
लोगों की सेहत से खिलवाड़ पर सख्त रुख
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने साफ कहा है कि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के लिए अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। नए साल के दौरान होटल, रेस्टोरेंट और जूस सेंटरों में ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती है। इसी का फायदा उठाकर कुछ दुकानदार मिलावटी और सस्ते पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनका मुनाफा तो बढ़ता है, लेकिन आम जनता की सेहत खतरे में पड़ जाती है। विभाग ने ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने का संकेत दिया है।
मिलावट से होने वाले स्वास्थ्य खतरे
नकली पनीर और केमिकलयुक्त जूस-शेक का सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। नकली पनीर में इस्तेमाल होने वाले केमिकल लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं जूस और शेक में गाढ़ापन लाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास तौर पर खतरनाक होते हैं। लंबे समय तक ऐसे पदार्थों का सेवन करने से एलर्जी, पेट की बीमारी और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
त्योहारों के मौसम में बढ़ती मिलावट
नए साल और अन्य त्योहारों के आसपास मिलावट के मामले अक्सर बढ़ जाते हैं। लोग बाहर खाने-पीने पर ज्यादा खर्च करते हैं और इसी का फायदा उठाकर कुछ दुकानदार नियमों को ताक पर रख देते हैं। पटना में हाल के दिनों में खाद्य विभाग को कई शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह विशेष जांच अभियान शुरू किया गया। विभाग का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अन्य इलाकों में भी अचानक जांच की जाएगी।
आम लोगों से सतर्क रहने की अपील
खाद्य आपूर्ति विभाग ने आम लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की है। यदि कहीं खाने-पीने की चीजों में शक हो, तो तुरंत इसकी सूचना विभाग या संबंधित अधिकारियों को दें। उपभोक्ताओं को भी चाहिए कि वे अत्यधिक सस्ते दाम पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों से सावधान रहें और साफ-सुथरी जगहों से ही खाने-पीने की चीजें खरीदें। जागरूकता से ही मिलावट पर लगाम लगाई जा सकती है।
जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई
फिलहाल दोनों स्थानों से लिए गए सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। खाद्य विभाग का कहना है कि जैसे ही लैब रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर दोषी पाए जाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना और जरूरत पड़ने पर आपराधिक मामला दर्ज करने जैसे कदम भी शामिल हो सकते हैं। पटना में नकली पनीर और केमिकलयुक्त जूस-शेक का मामला सामने आना एक गंभीर चेतावनी है। यह दिखाता है कि मुनाफे की होड़ में कुछ लोग लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की सक्रियता से यह उम्मीद जगी है कि ऐसे तत्वों पर सख्ती की जाएगी। नए साल के जश्न से पहले यह कार्रवाई न केवल जरूरी थी, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बेहद अहम भी है।


