सिपाही भर्ती प्रश्न लीक मामले में EOU की जांच तेज, शहरों के कुछ चुनिंदा कोचिंग संचालक संदेह के घेरे में

पटना। सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में पटना समेत अन्य शहरों के कुछ चुनिंदा कोचिंग संचालक भी संदेह के घेरे में हैं। पेपर लीक करने या कराने से जुड़े कई कोचिंग संस्थान भी EOU की रडार में है। EOU ने इन संस्थानों की लिस्ट तैयार कर ली है। बता दे की इन कोचिंग संस्थानों की गतिविधियओं की सघनता से जांच चल रही है। वही इसके लिए EOU ने 23 सदस्यों की एक टीम बनाई है। वही इस टीम को खुद EOU के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लों कर रहे हैं। इस बात की जानकारी खुद ईओयू के डीआईजी ने दी। EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि इस मामले में कई साक्ष्य सामने आए हैं। वही पेपर लीक मामले में कई बड़े कोचिंग संस्थानों के संलिप्तता की पुख्ता जानकारी मिली है। इसी आधार पर पटना समेत पूरे राज्य में डेढ़ दर्जन कोचिंग संस्थानों को चिन्हित किया गया है। साथ ही पहले के पेपर लीक मामले में शामिल संस्थानों की भी लिस्ट तैयार कर ली गई है। वही इन संस्थानों के गतिविधियों की भी जांच की जाएगी। बता दे की बिहार में इस बार कुल 21000 पदों के लिए सिपाहियों की भर्ती के लिए परीक्षा हो रही थी। यह परीक्षा 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक होना था। दो पालियों में यह परीक्षा होनी थी। लेकिन 1 अक्टूबर को हो रहे पहले चरण की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया। जिसके बाद सिपाही भर्ती परीक्षा को केंद्रीय चयन पर्षद ने एक अक्टूबर की परीक्षा को रद्द कर दिया। वही इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे के परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया। वही पेपर लीक मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक सेटर को पकड़ा था। सेटर बिहार पुलिस का सिपाही कमलेश निकला। कमलेश 2021 बैच का सिपाही है। जो गया का रहने वाला था, फिलहाल नालंदा में पोस्टेड था। इसने अपने बहनोई व अपने भाई को आंसर की भेजा था। सिपाही के फोन के जांच में ये सारी बातें सामने आई थी। अब EOU गिरफ्तार सिपाही के बहाली की भी जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि कमलेश भी इसी तरह बहाल हुआ है। साथ ही जिन-जिन परीक्षा के सेंटरों से प्रश्न पत्र लीक होने की सूचना मिली है, उन सेंटरों के सारे स्टाफ की पूरी डिटेल भी मंगाई गई है। ताकि उनकी भी जांच हो सके।

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