October 5, 2024

अवैध बालू खनन मामले में ईडी की बड़ी कारवाई, आदित्य मल्टीकॉम के सीए को कोलकाता से किया गिरफ्तार

पटना। अवैध बालू खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आदित्य मल्टीकॉम के चार्टर्ड अकाउंटेंट जयनारायण गुप्ता को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। इस मामले में जयनारायण गुप्ता की गिरफ्तारी को इस जांच में महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि इस मामले से जुड़े आर्थिक लेनदेन और वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। ईडी ने कोलकाता के वाटरलू स्ट्रीट स्थित उसके ऑफिस से उसे गिरफ्तार किया और उसके ठिकाने से 35 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए। ईडी ने नकद राशि को जब्त कर लिया है और उसे लेकर पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जयनारायण गुप्ता आदित्य मल्टीकॉम कंपनी का पूरा वित्तीय व्यवसाय संभालता है और उसके पास कंपनी के सभी वित्तीय रिकॉर्ड और लेनदेन का ब्योरा होता है। शुरुआती पूछताछ में उससे नकद राशि के स्रोत और उसके उपयोग के बारे में जानकारी मांगी गई थी। हालांकि, वह इस संबंध में संतोषजनक उत्तर देने में असफल रहा। नकद राशि के बारे में कोई सही जानकारी नहीं मिलने के बाद ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई अवैध बालू खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर की गई है, जिसमें विभिन्न फर्जी कंपनियों और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के माध्यम से काले धन को सफेद करने के प्रयासों की जांच चल रही है। अवैध बालू खनन बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में एक बड़ी समस्या है, जहां नदियों से अवैध रूप से बालू निकाला जाता है। इस खनन से न केवल सरकारी राजस्व का बड़ा नुकसान होता है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी क्षति पहुंचती है। बालू खनन का अवैध धंधा कई बार स्थानीय प्रशासन और राजनेताओं की मिलीभगत से संचालित होता है, जिससे यह एक संगठित अपराध का रूप ले लेता है। इस अवैध गतिविधि से होने वाले बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ को छिपाने के लिए फर्जी कंपनियों का उपयोग किया जाता है और ऐसी ही एक कंपनी है आदित्य मल्टीकॉम। ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य इस तरह के फर्जी वित्तीय लेनदेन की जांच कर उनके पीछे के लोगों और संरचना का खुलासा करना है। आदित्य मल्टीकॉम के सीए जयनारायण गुप्ता की गिरफ्तारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। गुप्ता से पूछताछ से इस मामले से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण लोगों के नाम सामने आ सकते हैं और अवैध बालू खनन में संलिप्त विभिन्न नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। ईडी के अनुसार, जयनारायण गुप्ता की भूमिका केवल एक वित्तीय सलाहकार तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह आदित्य मल्टीकॉम के वित्तीय लेनदेन को छिपाने और इसे वैध रूप देने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा था। गुप्ता की मदद से कंपनी द्वारा किए गए कई संदिग्ध लेनदेन और फर्जी कंपनियों के माध्यम से काले धन को सफेद करने के प्रयास किए गए थे। इस प्रकार की फर्जीवाड़ा गतिविधियों को रोकने के लिए ईडी ने गुप्ता को गिरफ्तार कर मामले की तह तक जाने का फैसला किया है। यह मामला बिहार और आसपास के राज्यों में अवैध बालू खनन के कारण हो रहे पर्यावरणीय और आर्थिक नुकसान को उजागर करता है। इस तरह के अवैध खनन से नदियों की धारा में परिवर्तन होता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है और भूजल स्तर में भी गिरावट आती है। इसके साथ ही सरकार को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान होता है, जिसका प्रभाव विकास कार्यों और सार्वजनिक कल्याण पर पड़ता है। अवैध खनन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच कर ईडी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि इस तरह के अवैध धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आगे की जांच में ईडी जयनारायण गुप्ता से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि किस तरह से अवैध बालू खनन से जुड़े पैसे को सफेद करने के लिए फर्जी कंपनियों का उपयोग किया गया और इस मामले में कौन-कौन से लोग शामिल हैं। गुप्ता की गिरफ्तारी से यह उम्मीद की जा रही है कि अवैध खनन के इस नेटवर्क के अन्य प्रमुख लोग और उनका तरीक़ा सामने आएगा, जिससे इन गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी। अवैध बालू खनन की समस्या को समाप्त करने के लिए इस तरह की कार्रवाइयों का होना आवश्यक है। इसके माध्यम से न केवल आर्थिक अपराधों को रोका जा सकता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। ईडी की यह कार्रवाई अवैध खनन और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है।

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