December 3, 2025

सिंगापुर में बोले डॉ. जायसवाल : PM मोदी के नेतृत्व में जज्बे और जुनून से भारत ने कोरोना से जीती जंग

नई दिल्ली। सिंगापुर में आयोजित ग्लोबल हेल्थ सिक्यूरिटी कांफें्रस-2022 में भारत की ओर से इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) के सदस्य और भाजपा बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल बतौर प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में उन्होंने भारतीय संसद की स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी में सक्रिय भूमिका और सकारात्मक बदलावों को वैश्विक पटल पर रखा।
उन्होंने अपने वक्तव्य में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर देश में आमूलचूल परिवर्तन का उल्लेख किया। जायसवाल ने कांफें्रस में कहा कि स्वास्थ्य को लेकर बात करें तो सबसे बड़ी उपलब्धि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से लड़ना माना जा सकता है। कोविड काल में मोदी सरकार के द्वारा भारत और विश्व के विभिन्न जरूरतमंद देशों को पीपीई कीट से लेकर टीकाकरण मुहैय्या कराना कुशल प्रबंधन का ही प्रमाण है। पीएम मोदी ने विभिन्न पक्षों को साथ में रखकर इस महामारी की कमान संभाली। पूरे मामले को पीएम खुद मॉनिटर करने लगे। पीएम की देखरेख में देश के कई शहरों में अस्थायी हॉस्पिटल बनाये जाने लगे। कोरोना महामारी में इस्तेमाल होने वाली मेडिसिन के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू की गईं। कहा कि कोरोना वायरस के सामने आने से पहले भारत में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट या पीपीई किट नहीं बनते थे।


उन्होंने वैश्विक मंच पर जुटे प्रतिनिधियों को बताया, महामारी की शुरूआत के कुछ दिनों के बाद ही भारत ने रोजाना 2,00,000 से अधिक पीपीई किट बनाने शुरू कर दिए। अगर बात जनवरी 2020 की करें तो इस समय तक देश में सिर्फ 2,75,000 किट ही उपलब्ध थे और यह सभी आयातित थे। उसके बाद स्थितियां अचानक बदलीं। कोरोना महामारी आने के सिर्फ 60 दिनों के अंदर ही भारत ने जिस तरीके से पीपीई किट बनाने में महारत हासिल की। इसके साथ ही साथ देश में 50,000 से अधिक वेंटिलेटर की व्यवस्था पीएम मोदी ने सुनिश्चित करवाई। महामारी की वैक्सीन जल्द से जल्द देश में आ जाए, इसकी कवायद जोरों पर थी। इसके तहत पीएम मोदी भारत बायोटेक और सीरम जैसे कई कंपनियों को भी वैक्सीन के लिए लगातार प्रोत्साहित करते रहे। जायसवाल ने बताया कि आगे बढ़-चढ़कर भारत ने वैक्सीन मैत्री से सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, मोरक्को, बांग्लादेश और म्यांमार सहित कई देशों को कोविड वैक्सीन की आपूर्ति भी की। डॉ. जायसवाल ने कहा कि ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री ने एक ओर जहां तत्परता से पूर्णबंदी की, वहीं देश के हर वर्ग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर कई कदम उठाए।
ज्ञातव्य हो कि आईपीयू सबसे पुराने और सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय संसदीय संस्थाओं में से एक है, जिसके 179 से अधिक सदस्य हैं। आईपीयू दुनिया भर में लोकतंत्र को बढ़ावा देने से जुड़े और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के मुद्दों को उठाता रहा है।

You may have missed