शिक्षा विभाग का नया फरमान: कई त्योहारों पर छुट्टियां रद्द, संगठनों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की

पटना। बिहार में शिक्षकों की छुट्टी कम करने पर एक बार फिर से बवाल मच गया है। शिक्षक इससे काफी नाराज हैं। शिक्षा विभाग ने रक्षाबंधन, हरितालिका व्रत तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, भाई दूज, गुरु नानक जयंती जैसे कई पर कई त्योहारों पर छुट्टियां रद्द कर दी है। 28 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी विद्यालयों में लगभग 23 छुट्टियां थी, जिसे घटाकर शिक्षा विभाग ने 11 कर दिया है। वही दीपावली से छठ पूजा तक के लिए अब तक लगातार छुट्टियां रहती थी। इस 9 दिन की छुट्टी को घटाकर सिर्फ 4 दिन का शिक्षा विभाग ने कर दिया है। दीपावली के दिन एक दिन की छुट्टी, चित्रगुप्त पूजा की एक दिन की छुट्टी और छठ के समय की 2 दिन की छुट्टी। जब से बिहार शिक्षा विभाग का पदभार केके पाठक ने संभाला है। तब से रोज नए-नए फरमान जारी किए जा रहे है। छुट्टियों में किए गए बदलाव पर शिक्षा विभाग का कहना है कि पटना अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1-5) में कम-से-कम 200 दिन, मध्य विद्यालयों (कक्षा 6-8) में कम-से- कम 220 दिनों का कार्यदिवस होना जरूरी है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने कहा कि चुनाव परीक्षा, त्योहार, प्राकृतिक आपदाओं के कारण विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित होती है। इसके साथ ही त्योहारों के मौके पर विद्यालयों के बंद होने की प्रक्रिया में भी एकरूपता नहीं है। किसी त्योहार में किसी जिले में विद्यालय खुले होते हैं तो किसी में बंद । विद्यालयों के संचालन में एकरूपता के लिए ही वर्ष 2023 के बचे दिनों के लिए यह बदलाव किया गया है।
शिक्षक संघ बोला, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में करें हस्तक्षेप
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह का कहना है कि तमाम नियम कानून को ताक पर रखते हुए शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव के के पाठक शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का एक मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस प्रकार के निर्देशों के माध्यम से शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति भी कहता है कि विद्यालयों में 29 घंटे से अधिक सप्ताह में पढ़ाई नहीं होनी चाहिए। अब तक सरकारी विद्यालयों में 60 दिनों की छुट्टियां रहती थी जिसे खत्म कर सरकार बच्चों को पढ़ाई बोझ बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप करें अन्यथा शिक्षक समाज न्यायालय के शरण में इस मामले को लेकर जाएगा। बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि अब तक विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश और विभिन्न पर त्योहारों को मिलाकर 60 दिनों की छुट्टियां होती थी और 52 दिन रविवार की छुट्टी होती है। कुल मिलाकर 112 दिन की छुट्टियां मिलती थी। ऐसे में साल में इसके बाद भी 252 दिन विद्यालय चलते हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग का यह तर्क की 220 दिन विद्यालय के संचालन के लिए छुट्टियों को रद्द किया गया है यह अपने आप में हास्यासपद है।

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