PATNA : साइबर अपराध विश्व के विकास में बन रहा बड़ा खतरा, सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक

  • साइबर जागरूकता माह पर अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित

पटना। बीआईटी पटना द्वारा शनिवार को साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के उपलक्ष्य में एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का उद्देश्य साइबर सिक्योरिटी, साइबर लॉ से जुड़े छात्रों और आम लोगों को साइबर सुरक्षा से बचाव और तकनीकी जानकारियां उपलब्ध कराना था। वेबीनार के दौरान महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे की सुरक्षा, उभरते साइबर खतरा, घटना, चुनौतियों और प्रतिक्रिया जैसे विषय पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने किया। कार्यक्रम में चुंगनम नेशनल यूनिवर्सिटी साउथ कोरिया के डॉ. मंगल राज, ज्योति विद्यापीठ जयपुर की शोधार्थी राज सिंहा, रामचंद्र इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी चेन्नई के सहायक प्राध्यापक डॉ. डी प्रभु केविन, मोदी यूनिवर्सिटी राजस्थान के डॉ. आरएस सोलंकी एवं बीआईटी का डॉ. सरहुद्दीन ने अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने अपने संबोधन में साइबर अपराध के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि बढ़ती तकनीकी सुविधाएं साइबर अपराधियों को एक अलग ही दुनिया दे दी है, जो विश्व के विकास में बड़ा खतरा बनते जा रहा है।
भारत में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में विकास वैभव ने कहा कि डिजिटल संस्कृति एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में परिवर्तित हो रही है। हर प्रौद्योगिकी की अपनी उपयोगिता है। इस तरह साइबर प्रौद्योगिकी में इन दिनों बड़ी तेजी आई है, लेकिन एक वरदान के साथ ही यह प्रौद्योगिकी बड़ा खतरा भी बन गई है। उन्होंने साइबर अपराध से बचने के लिए आम लोगों में समय-समय पर जागरूकता अभियान की भी चर्चा की। साथ ही कहा कि लोगों में साइबर अपराध के प्रति जागरूकता से ही इस अपराध पर लगाम लगाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्त्ता है और हाल के वर्षों में साइबर अपराध कई गुना बढ़ गए हैं। साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था को अपनाने की दिशा में बढ़ने के कारण भारत में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। डिजिटल भारत कार्यक्रम की सफलता काफी हद तक साइबर सुरक्षा पर निर्भर करेगी।
कड़े कानून बनाने की जरूरत
नेशनल यूनिवर्सिटी साउथ कोरिया के प्रोफेसर डॉक्टर मंगल राज ने साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम पर नई युवा पीढ़ी को जानकारी देते हुए कहा कि नई तकनीकी में गैर कानूनी तरीके से किया गया कार्य ही साइबर अपराध है और इसके लिए कड़े कानून बनाने की जरूरत भी है।


अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित, भारत में 3 फीसद
बिहार की रहने वाली ज्योति विद्यापीठ जयपुर की शोधार्थी राज सिन्हा ने साइबर अपराध पर चर्चा करते हुए कहा कि विश्व के साइबर अपराध में दुनिया में 23 फीसदी अपराध के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। वही भारत दुनिया के साइबर क्राइम के मामले में भले ही 3 फीसदी है पर तकनीकी सुरक्षा कमजोर होने के कारण खतरा बढ़ने की भी संभावना है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जो सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कार्य करती है। यह हेल्पलाइन नंबर है- 1552260। वहीं भारत सरकार का गृह विभाग नेशनल साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराध पीड़ित लोगों के लिए ठोस काम कर रही है। यहां अब तक कई मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
भात में सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यम वर्गीय परिवार
डॉ. प्रभु केबिन ने कहा कि ऐसे अपराध से बचने के लिए यात्रा के दौरान अपने निजी जानकारी सोशल मीडिया पर देने से बचना चाहिए। वहीं डॉ. आर एस सोलंकी ने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले मध्यम वर्गीय परिवार होते हैं जो जरा सी लालच में आने पर अपनी जमा पूंजी भी गवां बैठते हैं। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग टेक बिल्ड की टीम और वैशाली मीडिया कंसलटेंट द्वारा किया गया।

About Post Author

You may have missed