प्रदेश के 1 लाख से भी अधिक शिक्षकों की नौकरी पर संकट; बड़ी कार्रवाई करने जा रही राज्य सरकार, जानें पूरा मामला

पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों में पंचायती राज एवं नगर निकायों के तहत 2006 से 2015 तक नियुक्त वैसे शिक्षक जिनके प्रमाणपत्र अब तक नहीं मिले हैं, उनकी नौकरी जाएगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने सभी जिलों से शिक्षा विभाग द्वारा एनआईसी की मदद से तैयार वेब पोर्टल पर इन शिक्षकों के नाम तथा प्रमाणपत्र अब तक अपलोड नहीं होने का कारण पूछा है। जानकारी के अनुसार,शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर चल रही है। निगरानी ब्यूरो द्वारा पिछले सात साल से यह जांच की जा रही है। 2006 से 2015 के बीच नियुक्त शिक्षकों में से जिनके फोल्डर निगरानी जांच के लिए विशेष तौर पर शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल पर अबतक अपलोड नहीं किये गये हैं, उनकी नौकरी पर तलवार लटक रही है। राज्य सरकार द्वारा इससे संबंधित निर्णय लिया जा चुका है।
सीएम नीतीश ने फरवरी 2022 में की थी प्रमाणपत्र निगरानी जांच की समीक्षा
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों को निगरानी जांच के मद्देनजर निर्देश भेजा है। हालिया निर्देश में निदेशक ने जिलों से शिक्षक के फोल्डर, उनके नाम तथा प्रमाणपत्र अपलोड नहीं किए जाने का कारण पूछा है। उन्होंने जिलों को इस बाबत पिछले साल 19 अगस्त को भेजे निर्देश की भी याद दिलायी है। इसके साथ-साथ सभी जिलों के प्राथमिक निदेशालय को इस आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट भी नहीं दी थी। वही सीएम नीतीश ने 3 फरवरी 2022 को नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की निगरानी जांच की समीक्षा की थी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने तभी बताया था कि करीब 1.03 लाख शिक्षकों के फोल्डर निगरानी जांच के लिए अबतक अनुपलब्ध हैं। विभाग ने यह निर्णय कर लिया है कि ऐसे शिक्षकों की नौकरी समाप्त की जाएगी।
जून से अगस्त 2021 तक करना था डिग्री अपलोड
शिक्षा विभाग ने नियोजित तीन लाख से अधिक शिक्षकों को निगरानी जांच के लिए अपना प्रमाण पर वेब पोर्टल पर अपलोड कराने के लिए पर्याप्त समय दिया था। पोर्टल को पहली बार 21 जून से 20 जुलाई 2021 तक खोला गया था। फिर अंतिम अवसर के रूप में 23 से 31 अगस्त 2021 तक पोर्टल खोला गया। विभाग ने साफ -साफ कहा था कि इसके बाद भी जांच में शामिल नहीं हुए तो नौकरी जानी तय है। बावजूद इसके एक लाख शिक्षक के फोल्डर अपलोड नहीं हुए हैं।

About Post Author

You may have missed