कोरोना का दंश : NMCH में 7 की मौत, पटना टेलीफोन एक्सचेंज के एमसीएम की मौत, मधेपुरा में 3 मौत

पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को लेकर लोगों के बीच हाहाकर मचा हुआ है। कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा और मौतों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। जबकि रिकवरी रेट आए दिन घट रही है। जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मंगलवार को एनएमसीएच में 7 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें एक महिला समेत पटना के 3 और वैशाली, जहानाबाद, सारण तथा बक्सर जिले के एक-एक मरीज शामिल हैं। वहीं मंगलवार सुबह पटना में पत्रकार संदीप मिश्रा की मौत हो गई। वे कोरोना से संक्रमित थे और डायलिसिस पर भी थे। वे किडनी के भी गंभीर मरीज थे। इधर, मधेपुरा जिले में भी मंगलवार को 3 लोगों की मौत हो गई है।
पटना टेलीफोन एक्सचेंज में पदस्थापित एमसीएम की मौत

पटना टेलीफोन एक्सचेंज में एमसीएम के पद पर तैनात सिद्धनाथ सिंह की कोरोना से मौत के बाद पूर्व मध्य रेल मजदूर कांग्रेस नेताओं में शोक की लहर दौड़ गयी। इसकी जानकारी देते हुये मोहम्मद जफर हसन, अध्यक्ष, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर ने कहा कि सिद्धनाथ सिंह के निधन से पूर्व मध्य रेल मजदूर कांग्रेस परिवार काफी दुखी है। यूनियन परिवार उनकी आत्मा की शांति के लिए अल्लाह-ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
मधेपुरा के मेडिकल कॉलेज में 3 की मौत
मधेपुरा के मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को 3 लोगों की कोरोना से मौत से हड़कंप मच गया है। मृतकों में कुमारखंड के 90 साल के भोला प्रसाद यादव, मधेपुरा शहर के कर्पूरी चौक के रहने वाले 70 साल के गुलाम कादिर और सदर थाना इलाके के 62 वर्षीय आलोक कुमार शामिल हैं।
खगड़िया में अधेड़ की मौत
खगड़िया जिले के 48 साल के युगल किशोर की कोरोना से भागलपुर के मायगंज अस्पताल में मौत हो गई। वे वकालत करते थे। सोमवार की सुबह 5:30 बजे उन्हें मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की सुबह 4:30 बजे उनकी सांसें थम गई।
सीवान में बुजुर्ग की मौत
सीवान के यदुनाथ साह का महाराजगंज के एक अस्पताल में मंगलवार की सुबह मौत हो गई। वे दो दिन पहले संक्रमित हुए थे। 60 साल यदुनाथ साह के परिजनों का अस्पताल परिसर में रो-रो कर बुरा हाल है।
छपरा सदर अस्पताल में कई संक्रमित
छपरा सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने वाले कई चिकित्सक पॉजिटिव हो गए हैं, वहीं उनके साथ वहां काम कर रहे कुछ स्वास्थ्यकर्मी भी पॉजिटिव हो चुके हैं। एक डॉक्टर का पूरा परिवार कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुका है। इलाज के बाद भी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चिकित्सक इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करने से कतराने लगे थे।