कांग्रेस बोली, बिहार में बाढ़ से तबाही के लिए सीधे तौर पर राजग सरकार जिम्मेदार

पटना। बिहार में बाढ़ से हो रही तबाही के लिए सीधे तौर पर भाजपा और जदयू की सरकार जिम्मेदार है। यह कहना है बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी का। उन्होंने प्रेस बयान जारी कर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार का बाढ़ क्षेत्र 25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 75 लाख हेक्टेयर हो गया है। साल दर साल नदियों के कटाव से लाखों हेक्टेयर जमीन नदी में समा रही है। भाजपा और जदयू की सरकार ने बाढ़ रोकने की जगह बाढ़ प्रबंधन का काम शुरू किया और अंजाम यह हुआ कि पूरा का पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की विभीषिका झेलने लगा। जबकि कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने बिहार में आने वाली बाढ़ पर शोध कर भाजपा-जदयू की इस सरकार को अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपी थी। उस रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया था कि कुछ जगहों पर गंगा नदी के गाद की सफाई और फरक्का डैम में गाद प्रवाह के लिए बनाए गए अंडरस्लूस की सफाई कर बिहार को बाढ़ से बचाया जा सकता है।
श्री तिवारी ने कहा कि इतना ही नहीं, एमए चितले कमेटी ने भी नदियों के गाद की सफाई और फरक्का बांध पर प्रवाह तेज करने का सुझाव दिया था। खुद भाजपा-जदयू की सरकार ने भी पटना डिक्लेरेशन को स्वीकार किया है। लेकिन यह बिहार का दुर्भाग्य है कि सरकार ने ना तो वैज्ञानिकों की बात मानी, ना एमए चितले कमेटी का सुझाव माना और ना ही पटना डिक्लेरेशन समझौते पर कोई काम किया।
आज आलम यह है कि बरसात के दिनों में जब नदी में तेज प्रवाह होता है तो गंगा नदी में बक्सर से 143 किलोमीटर की दूरी तय कर पटना तक पानी पहुंचने में मात्र 4 घंटे का समय लगता है, वहीं पटना से फरक्का तक 370 किमी की दूरी तय करने में 8 से 10 दिन का समय लग रहा है। पटना में गंगा नदी की गहराई घटकर 14 से 6 मीटर पर पहुंच गई है। गाद भरने से गंगा की सहायक नदियों गंडक, कोसी, घाघरा, सोन समेत सैकड़ों छोटी-बड़ी नदियों का पूरा पानी गंगा नदी नहीं खींच पा रही है। जिससे राज्य की तमाम नदियों का बहाव धीमा हुआ है। नतीजतन उनका फैलाव ज्यादा हो गया है। पटना के बाद गंगा नदी का बहाव भी कम होने से नदी का फैलाव बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि बिहार का बाढ़ क्षेत्र 25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 75 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कांग्रेस की मांग है कि साल दर साल बाढ़ प्रबंधन और राहत-बचाव के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल बंद कर बिहार की भाजपा-जदयू की सरकार नदियों की गाद सफाई की स्पष्ट नीति बनाए और डबल इंजन का दंभ भरने वाली सरकार, केंद्र सरकार से सहयोग लेकर गाद में धंस चुके फरक्का बांध के 24 अंडरस्लूस की सफाई करवा कर उन्हें गाद प्रवाह के लिए सक्षम बनाए।
