बिहार में कड़ाके की ठंड: कई जिलों में 7 डिग्री तापमान, पटना में कोल्ड-डे का अलर्ट जारी
पटना। बिहार इन दिनों भीषण ठंड की चपेट में है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में ठंडी पछुआ हवाओं और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। तापमान लगातार गिर रहा है और लोगों को दिन-रात कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। 6 जनवरी के बाद ही मौसम में कुछ सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
25 जिलों में कोल्ड-डे और घने कोहरे का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को बिहार के 25 जिलों के लिए कोल्ड-डे और घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक यह स्थिति 5 जनवरी तक बनी रह सकती है। कोल्ड-डे की स्थिति तब बनती है जब दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चला जाता है और धूप निकलने की संभावना बेहद कम हो जाती है। इस कारण दिन में भी सर्दी का असर कम नहीं होता और ठिठुरन बनी रहती है।
कई जिलों में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री के करीब
पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कई जिलों में न्यूनतम तापमान खतरनाक स्तर तक गिर गया है। गयाजी, रोहतास और नालंदा के राजगीर इलाके में तापमान करीब 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के लिहाज से काफी कम है। इन जिलों में सुबह और देर रात ठंड का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
धूप न निकलने से दिन भी ठंडे
प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले एक सप्ताह से धूप नहीं निकल रही है। घने कोहरे और बादलों की वजह से अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। आमतौर पर दिन और रात के तापमान में जो अंतर होता है, वह इन दिनों काफी कम हो गया है। इसी कारण लोगों को दिन में भी उतनी ही ठंड महसूस हो रही है जितनी रात में होती है। यह स्थिति खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है।
पटना में कोल्ड-डे का असर, स्कूल बंद
राजधानी पटना में भी ठंड और कोहरे का प्रकोप लगातार जारी है। मौसम की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन 2 जनवरी तक आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। ठंड और कम दृश्यता के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। पटना में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है, जिससे सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है।
मौसम में बदलाव की वजह क्या है
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस कड़ाके की ठंड की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना है। इसके चलते ठंडी पछुआ हवाएं लगातार बिहार की ओर आ रही हैं। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जो उत्तरी बांग्लादेश तक फैला है। इन दोनों मौसमी प्रणालियों के कारण प्रदेश में नमी बढ़ गई है, जिससे घना कोहरा छा रहा है और ठंड का असर और तेज हो गया है।
जनजीवन पर पड़ रहा सीधा असर
लगातार बढ़ती ठंड का असर आम जनजीवन पर साफ दिखाई दे रहा है। सुबह और शाम के समय सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है। ग्रामीण इलाकों में लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। शहरों में भी बाजार देर से खुल रहे हैं और शाम होते ही जल्दी बंद हो जा रहे हैं। ठंड के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है, खासकर सर्दी, खांसी और सांस से जुड़ी समस्याएं ज्यादा सामने आ रही हैं।
अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, जनवरी के पहले सप्ताह तक बिहार के कई हिस्सों में कोल्ड-डे और घना कोहरा बना रहेगा। सुबह के समय दृश्यता काफी कम रहने की संभावना है। दिन में आसमान में बादल छाए रह सकते हैं और ठंडी पछुआ हवा चलती रहेगी। इससे ठिठुरन और बढ़ सकती है। हालांकि 6 जनवरी के बाद धीरे-धीरे मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं और तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।
सतर्क रहने की जरूरत
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से सुबह जल्दी या देर रात बाहर निकलने से बचें। गर्म कपड़े पहनें और बच्चों तथा बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। ठंड का यह दौर अभी कुछ दिन और जारी रह सकता है, इसलिए सतर्कता और सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।


