रविदास जयंती कार्यक्रम में जदयू कार्यालय पहुंचे सीएम नीतीश, कई कार्यो का किया निरीक्षण

पटना। राजधानी पटना के जदयू कार्यालय में संत रविदास की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अचानक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे। उन्होंने रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पार्टी के कई वरीय नेता और तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान जदयू के कई कार्यकर्ता मुख्यमंत्री का अभिनंदन करते दिखे। लोग नीतीश कुमार के समर्थन में नारे लगा रहे थे। कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने जनता दल यूनाइटेड पार्टी के कार्यालय का निरीक्षण किया। लोकसभा चुनाव से पहले जदयू कार्यालय का एक्स्टेंशन किया जाएगा। नई बिल्डिंग भी बनेगी। सीएम नीतीश कुमार ने इसके संकेत दिए हैं। यहां कार्यालय के एक्सटेंशन को लेकर जायजा लिया। वही नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो जगह खाली है। वहां शेड बनवाया जाए। साथ ही पार्टी दफ्तर में संत रविदास के जयंती समारोह में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए। हालांकि, उन्होंने पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं की है। किसी तरह का बयान भी नहीं दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तकरीबन 15 मिनट जदयू कार्यालय में रुके। इसके बाद वह सीएम आवास के लिए रवाना हो गए। बता दे कि इन दिनों मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंच से किसी भी प्रकार के बयान देने से बच रहे हैं क्योंकि कई बार उनके द्वारा दिए गए बयान को सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया जाता है जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया और पत्रकारों से बातचीत करना कम कर दिया है। हालांकि वह अपने विरोधियों पर कई बार अपने विकास के मुद्दों को लेकर हमलावर रहते हैं। इसके पहले कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के गठबंधन पर जमकर हमला बोला था और राजद के कार्यकाल को जंगल राज करार दिया था। इस दौरान उन्होंने इंडिया गठबंधन में हुई टूट को लेकर भी तंज करते हुए कहा था कि आप लोग यह समझ लीजिए कि जब से हम उन लोगों से अलग हुए हैं तब से विपक्षी गठबंधन के कई साथी भी धीरे-धीरे करके उन लोगों का साथ छोड़ रहे हैं। हालांकि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अपनी राजनीति की यात्रा में कई बार मुख्यमंत्री के कार्य प्रणाली को लेकर हमला कर चुके हैं और इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने भी कहा है कि नीतीश कुमार के गठबंधन से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा ऊपर से नीतीश कुमार जिधर जाएंगे उधर उनके सहयोगियों का ही नुकसान होने वाला है।

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