75 वें स्वतंत्रता दिवस पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फहराया तिरंगा, प्रदेशवासियों को किया संबोधित, जानें क्या-क्या कहा

पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में परेड की सलामी लेने के बाद 75वें स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया। इस अवसर पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 वें स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर समस्त बिहारवासियों को हार्दिक बधाई। आज का दिन हम सभी के लिए गौरव का दिन है।

राष्ट्रभक्तों के साहस, त्याग एवं बलिदान के फलस्वरूप 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आज के दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। उनके उच्च आदर्श आज भी हम सबों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
मैं उन वीर जवानों को भी नमन करता हूं जो बहादुरी से देश की सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश के थल, जल और नम की रक्षा करने वाले भारतीय सेना का हम अभिनन्दन करते हैं। आज अमृत महोत्सव पर उन सभी खिलाड़ियों को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने ओलंपिक खेलों में पदक जीतकर देश की शान को बढ़ाया।
हम उनका अभिनंदन करते हैं। इतिहास इस बात का गवाह है कि बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभायी। बिहार के लोगों ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है और देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से भारत पिछले वर्ष से प्रभावित है। अनेक देश तो और पहले से ही प्रभावित हैं। देश में कोरोना का संक्रमण एकदम नीचे चला गया था लेकिन मामले अचानक तेजी से बढ़े और दूसरी लहर तो काफी भयावह रही। राज्य में कोरोना जांच, इलाज, ऑक्सीजन एवं दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
अब तक 3 करोड़ 94 लाख से अधिक जांच की गई है। 14 अगस्त, 2021 को सक्रिय मामले मात्र 250 थे जबकि 39 नये केस मिले हैं। 14 अगस्त तक कोरोना के कुल 3 करोड़ के करीब टीके लगे। हमलोगों ने 6 माह में 6 करोड़ टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया है।
लॉकडाउन के दौरान लोगों को मदद की गई। सामुदायिक किचेन चलाए गए। मृतक के आश्रितों को चार लाख रुपये अनुदान के रुप में दिया जा रहा है। अनाथ बच्चों के लिए बाल सहायता योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार की पूरी तैयारी है। दवाइयों एवं ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। 122 अस्पतालों में पीएसए प्लांट में से 34 पूर्ण हो चुके हैं और शेष में इस महीने के अंत तक कार्य पूर्ण हो जाएंगे।
मेडिकल कलेजों में पांच क्रायोजेनिक टैंक स्थापित किए गए हैं जबकि शेष कार्य इस महीने के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। हमारी सबसे अपील है कि कोरोना संक्रमण के प्रति सभी सचेत रहें, मास्क का उपयोग जरूर करें, आपस में दूरी बनाकर रखें, हाथ धोते रहें और अकारण बाहर न निकलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी वर्षा के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी है। इस वर्ष जून माह में लगभग दोगुनी वर्षा हुई, उत्तर बिहार के 11 जिले प्रभावित हुए। अगस्त के प्रथम सप्ताह में अभी 15 जिले प्रभावित हैं। अब तक कुल 26 जिले प्रभावित हुए हैं।
दक्षिण बिहार में भी बाढ़ की स्थिति बनी। गंगा नदी के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ में फंसे लोगों को सहायता किया जा रहा है। फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है। राहत केन्द्र एवं सामुदायिक रसोई केन्द्र खोले गये हैं। राहत केंद्रों पर कोरोना टेस्ट एवं टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की गई है।
पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। अनुग्रह सहाय प्रभावित परिवारों को 6000 रुपये की दर से अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल क्षति का आकलन जारी है और उसके आधार पर इनपुट अनुदान दिया जाएगा।
बिहार में अगस्त-सितम्बर में बाढ़ अक्सर आती है, इसको देखते हुए स्थिति पर बराबर नजर रखी जा रही है। हमलोगों का शुरू से मानना है कि राज्य के खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विधि व्यवस्था व सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सरकार पूरी तरह तत्पर है।
बिहार में कानून का राज स्थापित है। अपराध करने वाले बच न पाएं और उन्हें कानूनन सजा मिले, इसलिए थानों में अनुसंधान एवं विधि-व्यवस्था की अलग व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि क्राइम, करप्शन, कम्यूनलिज्म के प्रति हमारी जीरो टॉलरेन्स नीति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचना को लेकर कई काम किए गए हैं। कार्यरत सड़कों, पुल-पुलियों तथा सरकारी भवनों का रख-रखाव विभागीय स्तर पर करने की नीति बनायी गई है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है। हर घर बिजली पहुंचा दी गई है। सभी जर्जर तारों को बदला जा चुका है।
बिजली की आपूर्ति वर्ष 2005 में 700 मेगावाट थी वह बढ़कर अब 6 हजार 600 मेगावाट हो गयी है। स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने वाला बिहार दो का पहला राज्य हो गया है। देश में भी इसकी शुरुआत की जा रही है। डेडीकेटेड फीडर से किसानों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं। तीसरे रोड मैप पर कार्य जारी है। फसलों, फलों एवं सब्जियों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई है। शाही लीची का दुबई में तथा भागलपुर के जदार्लु आम का लंदन में निर्यात किया गया। उन्होंने कहा कि पैक्स एवं व्यापार मंडलों के माध्यम से अधिप्राप्ति कार्य किया जा रहा है।
पिछले वर्ष खरीफ में 35 लाख 59 हजार मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गई है। इस वर्ष 4 लाख 56 हजार मीट्रिक टन रिकार्ड गेहूं की अधिप्राप्ति हुई। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी है। इथेनल उत्पादन के लिए भी काम किया जा रहा है। नयी संशोधित औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2020 लागू की गई है।
गन्ना से इथेनल उत्पादन के लिए 2007 में 21 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले, परन्तु तत्कालीन केन्द्र सरकार ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार ने विशेष इथेनल नीति लागू की है जिससे प्रदेश में अब तक 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे मक्का एवं गन्ना के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वापस लौटे मजदूरों को सहायता दी गई। उनके रोजगार के व्यवस्था के लिए कदम उठाए गए। 31 दिसंबर, 2020 को बेतिया में चनपटिया भ्रमण के दौरान हमने वहां के श्रमिकों द्वारा वस्त्र एव खेलकूद सामान के निर्माण कार्य को देखा है। निर्मित सामानों का निर्यात भी किया जा रहा है। अन्य जिलो में भी लोगों को इसके लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 में मिशन मानव विकास की शुरुआत की गई। महिला शिक्षा का प्रजनन दर से सीधा संबंध है। आकलन से पता चला कि पति-पत्नी में यदि पत्नी मैट्रिक पास है तो देश एवं राज्य में उनकी प्रजनन दर 2 है, यदि पत्नी इंटर पास है तो देश में प्रजनन दर 1.7 है जबकि बिहार में यह 1.6 है इससे यूरेका की भावना आयी है।
उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में 5438 प्लस 2 स्कूल स्थापित किए गए, शेष 2948 पचायतों में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, आगे कक्षा 11वीं एवं 12वीं का संचालन होगा। वर्ष 2005 में कुल प्रजनन दर 4.3 प्रतिशत थी, 2013 में 4 प्रतिात के करीब थी जो अब घटकर 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्रयास जारी रहेंगे तो यह दर 2 प्रतिशत के आस-पास पहुंचेगी। मैट्रिक की परीक्षा में लड़के एवं लड़कियों की संख्या लगभग बराबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे तथा पर्यावरण का संरक्षण हो और राज्य को कोरोना संक्रमण की महामारी से मुक्ति मिले।
सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं। आइये, स्वतंत्रता दिवस पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को राष्ट्र के मानचित्र पर एक खुशहाल राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे।
इस मौके पर फिर सभी बिहार के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। इस अवसर पर निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध, समाज कल्याण विभाग (महिला विकास निगम), सहकारिता विभाग, उद्योग विभाग, पर्यटन विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद्, राज्य स्वास्थ्य समिति व ग्रामीण विकास विभाग ने झांकियां निकाली। इसमें बिहार शिक्षा परिषद् परियोजना को पहला व ग्रामीण विकास विभाग की झांकी को दूसरा जबकि उद्योग विभाग की झांकी को तीसरा स्थान मिला।