बिहार के हर घर में आज सीएम की थू-थू हो रही, अब वे राजनीति का अंतिम दौर में हैं : प्रशांत किशोर
पटना। जनसंख्या नियंत्रण पर सीएम नीतीश के बयान को लेकर बिहार में घमासान मच गया है। चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि आप कल की बात मत कीजिए। कई महीनों से नीतीश कुमार बोलना कुछ चाहते हैं और बोल कुछ जाते हैं। जो उन्होंने फर्टिलिटी पर बात कही है, स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई सिटिंग सीएम की ओर से इस तरह की भाषा और इस तरह के उदहारण का प्रयोग विधानसभा के पटल में नहीं किया गया। इस तरह का बयान देना दिखाता है कि नीतीश कुमार की मनस्थिति और मनोदशा क्या है? नीतीश कुमार को या तो समझ नहीं है या वो डेलूजनल हो गए हैं। नीतीश कुमार को समझ में नहीं आ रहा है कि मैं बोल क्या रहा हूं। बिहार की जनता हंस रही है। नीतीश कुमार के राजनीति का अंतिम दौर चल रहा है तो जितना हो सके 4 से 5 महीना खींच लें। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि राजनीति में नीतीश कुमार की असंवेदनशीलता को देखा जा सकता है। कभी उलट के दाएं जाते हैं कभी बाएं। आप उनका वक्तव्य, उनका भाषण सुनेंगे तो समझ आएगा कि महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने मंच पर दे रहे भाषण के बीच कभी कुर्ता उठा रहे थे, कभी गाल खुजला रहे थे। कभी बाल बनाते नजर आ रहे थे। सार्वजनिक मंच पर जो एक तौर तरीका होता है वो भी भूल गए हैं। बिहार के छपरा में कितनों की मौत हो गई और ये बेशर्म की तरह पॉकेट में हाथ रख हंसकर कह रहे हैं कि जो पीएगा वो मरेगा। मैं पैदल गांव-गांव में चल रहा हूं। मैं आपको बता दूं कि हर गांव-घर में थू-थू हो रही है। प्रशांत किशोर ने कहा कि एक राजा था, उसे महंगे कपड़े पहनने का शौक हुआ तो किसी ने बताया भैया और पतला और पतला। बीच में कोई बुनकर आया और बिना कपड़ा पहने हाथी पर बैठने को कहा। राजा घूमने निकले तो उसे लोगों ने देखकर कहा कि कितना बढ़िया, कितना बढ़िया। राजा नंगा घूम रहा है उसे पता ही नहीं चल रहा है कि मैं नंगा हूं। नीतीश कुमार की वैसी ही हालत है। 4 से 5 दरबारी मिलकर बता रहे हैं कि बहुत अच्छा, बहुत अच्छा। नीतीश कुमार को लग रहा है कि मैं बहुत बढ़िया होते जा रहा हूं। सच्चाई यह है कि बिहार की जनता उनकी मूर्खता, उनकी अज्ञानता उनकी नासमझी पर हंस रही है।