चौथी कृषि रोड मैप पर मुख्यमंत्री ने किसानों से किया संवाद, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

  • कार्यक्रम में 4700 से अधिक किसान रहे मौजूद, अंग्रेजी के प्रयोग पर भड़के मुख्यमंत्री

पटना। बिहार के चौथे कृषि रोड मैप को अंतिम रूप में देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज किसानों के साथ संवाद किया। पटना के बापू सभागार में इसके लिए 4700 किसानों को आमंत्रित किया गया था। किसानों से मिले इस सुझाव को कृषि रोड मैप में भी जगह दी जाएगी। तीन कृषि रोडमैप लागू करने से पहले किसानों का सुझाव मुख्यमंत्री पहले भी लेते रहे हैं। इसलिए किसानों से मुख्यमंत्री का संवाद बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चौथे किसान समागम में नहीं पहुंचे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेजस्वी यादव के गैर मौजूदगी में ही शुरू हुआ कृषि समागम। मंच पर तेजस्वी यादव की कुर्सी सिर्फ खाली है। लेकिन करीब 2 घंटे बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे। कृषि महाविद्यालय,पशु महाविद्यालय के कुलपतियों को मंच पर जगह ना मिलने पर भड़के सीएम नीतीश, अधिकारियों को फटकार लगाकर तुरंत सामने से मंच पर बैठाने को निर्देश दिया।
कार्यक्रम में अंग्रेजी के प्रयोग से भड़के मुख्यमंत्री, बोले- क्या मतलब है, हिंदी में बोलिए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अंग्रेजी शब्द का प्रय़ोग करने पर भड़क गए। ऐसा भड़के कि अधिकारियों से लेकर किसानों-महिलाओं तक को नसीहत दे डाली। बापू सभागार में आयोजित किसान समागम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक गुस्से में आ गए। गुस्सा किसानों द्वारा बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द के प्रयोग करने से हो गए। नीतीश कुमार ने कहा कि बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द को क्यों घुसा दे रहे? सिर्फ अंग्रेजी भाषा है, और कोई भाषा नहीं है? अपनी भाषा हिंदी में बोलिए। जिसने भारत पर राज किय़ा उसकी भाषा है अंग्रेजी। बापू सभागार में किसान अपना-अपना सुझाव दे रहे थे। इस दौरान बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर रहे थे। यह सुनकर नीतीश कुमार ने बैठे-बैठे ही माइक पर सबकी क्लास लगा दी। सीएम नीतीश ने कहा कि अंग्रेजी शब्द का प्रयोग करते हैं? यह हो क्या गया है। अपने राज्य और देश की भाषा हिंदी शब्द को भूल जाइएगा? हमको तो आश्चर्य लग रहा है। आप खेती करते हैं ना जी? खेती तो आम आदमी करता है ना जी? आपको यहां बुलाया गया सुझाव देने के लिए, आप आधा अंग्रेजी बोल रहे हैं। यह भारत है न जी, यह बिहार है ना जी, हम देख रहे हैं। आजकल सारा लोग अब मोबाइल पर देख रहा है। सब अपनी पुरानी भाषा को भूल रहा है, पुरानी चीज को भूल रहा है। इसलिए जरा ठीक से बोलिए , अपनी भाषा में बोलिए। हर चीज में अंग्रेजी घुसा दे रहे हैं। यह ठीक नहीं है। आप गवर्नमेंट का स्कीम बोल रहे, सरकार की योजना क्यों नहीं बोलते ? बोल रहे प्रोवाइड किया जाएगा, उपलब्ध कराया जाएगा यह नहीं बोल रहे?
सीएम नीतीश ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश, कहा- अब केवल 100 साल ही धरती बची है, ठीक से रहिए
नीतीश कुमार यहीं नहीं रूके कहा कि आप लोगों को मालूम है न? हम इंजीनियरिंग पढे हैं। अंग्रेजी में ही पढ़ाई होती थी। यह अलग चीज है। जहां पढ़ना-पढ़ाना है वहां बोलिए। हम राजनीति करते हैं कहां अंग्रेजी बोलते हैं? आजकल तो देखकर आश्चर्य हो रहा है। यह सब जरा देखिए। जहां अंग्रेजी बोलना हो वहां पर बोलिए। अपने राज्य और अपने लोगों के बीच क्या जरूरत है अंग्रेजी बोलने की ? हम महिलाओं को भी देख रहे हैं ,अंग्रेजी घुसा दे रही है। हम अधिकारियों से कहेंगे कि इस बात को देखिए। वैसे शब्दों का प्रयोग मत करवाइए। यहां अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर दे रहे हैं वहां कर दे रहे हैं। अंग्रेजी शब्द का प्रयोग मत करिए। जो मौलिक चीज है उस चीज को कायम रखिए। बीच-बीच में जो नया-नया चीज दिख रहा है। हम आप लोगों को बता दे रहे हैं। आजकल सब लोग मोबाइल पर ही हो गए हैं। इधर से उधर करते रहते हैं। यह बात आप लोग जान लीजिए। अब मुश्किल है कि 100 साल धरती बचें। हम चाहते हैं कि लोग ठीक-ठाक से रहें।
दलहनी और तिलहनी फसलों के उत्पादन में दिया जाएगा बढ़ावा
चौथी कृषि रोड मैप को लेकर कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि फसल विविधीकरण के अंतर्गत विधान गेहूं के साथ-साथ मक्का दलहन तिलहन फल और सब्जी के साथ साथ औषधीय पौधों और फूल की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए स्थाई कार्यक्रम के रूप में जलवायु अनुकूल कृषि गांव की संख्या को बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पौधों में कीट व्याधि के कारण 20 से 30% उत्पादकता में कमी आती है। ऐसे में पौधा संरक्षण के लिए प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मोड में पौधा संरक्षण सेवा को प्राथमिकता। जंगली पशु से फसल की सुरक्षा, बागवानी फसलों की उत्पादकता एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण पौधे सामग्री के उत्पादन के लिए नई नर्सरी नीति को क्रियान्वयन किया जाएगा। बिहार लघु कृषक कृषि व्यापार संघ को कॉर्पस निधि के माध्यम से संस्थागत निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा। गंगा की अविरलता बनाए रखने के लिए राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ गंगा के दोनों तरफ पड़ने वाले गांव में जैविक कोरिडोर योजना का सुचारू क्रियान्वयन किया जायेगा।
कार्यक्रम में 4700 किसान रहें मौजूद
अभी तक तीन कृषि रोड मैप में जो उपलब्धियां हुई है उसके बारे में भी चर्चा किया गया। इस कृषि रोड मैप में 12 विभागों को जोड़ा गया है। इन विभागों की उपलब्धियां को भी आज बापू सभागार में प्रदर्शित किया गया। वही बिहार में कृषि को लाभकारी बनाने के लिए नीतीश सरकार ने कई प्रकार की पहल की है। इसे किसानों तक पहुँचाने और कृषि रोड मैप के अनुरूप खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान समागम का आयोजन किया गया। सीएम नीतीश ने इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए राज्य में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम को बढ़ावा देने की पहल की जानकारी दी। उन्होंने दलहनी और तिलहनी फसलों के साथ ही औषधीय पौधों और फूल की खेती को भी बढ़ावा देने की महत्ता पर जोर दिया। साथ ही जैविक खेती की दिशा में कृषि विभाग के प्रयासों का किसानों को लाभ लेने की बात कही। इन विभागों में कृषि और पशुपालन विभाग के साथ-साथ खाद्य आपूर्ति, राजस्व एवं भूमि सुधार, ग्रामीण कार्य, ऊजा और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, सहकारिता, उद्योग,गन्ना उद्योग, जल संसाधन, लघु जल संसाधन शामिल हैं।

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