जहानाबाद के सरकारी स्कूल में कबाड़ी मे बेची गई बच्चों की किताबें : ग्रामीणों का हंगामा, प्रिंसिपल भागा

जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद जिले में उस वक्त जमकर हंगामा हुआ जब सरकारी किताबों को कबाड़ी के हाथों बेचते प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया। मामला रतनी प्रखंड राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहांगीरपुर का है। जिस गुरु पर बच्चों की तालिम देने की जिम्मेदारी है, वहीं उनकी किताबों को कबाड़ी में रद्दी के भाव बेचते पकड़े गए। दरअसल ग्रामीण को भनक लगी कि स्कूल में आई सरकारी किताबों को बेचा जा रहा है। उसके बाद कुछ ग्रामीण राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय पहुंच गए और हंगामा करने लगे। हंगामा को देखकर इस विद्यालय की प्रधानाध्यापक विद्यालय से फरार हो गए। गांव के लोगों ने कबाड़ी की गाड़ी से सरकारी स्कूल की किताबें उतार ली। वहीं स्कूल के बच्चों से जब पूछा गया कि उन्हें किताबें मिली हैं या नहीं तो सभी ने कहा कि हमें किताबें नहीं दी गई हैं।
ग्रामीणों ने जमकर किया हंगामा
गांव के लोगों ने इस बात की सूचना 112 नंबर की पुलिस को दी। पुलिस की टीम सूचना के बाद गांव में पहुंची भी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लोगों ने फोन कर दिया। तब जाकर अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है। रतनी के शिक्षा पदाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की।
प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर आरोप
सरकार की ओर से लगातार कोशिश की जाती है कि बच्चों को पढ़ाई लिखाई में किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो। सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहांगीरपुर के प्रधानाध्यापक ने बच्चों को किताब न देकर विद्यालय में स्टोर कर लिया। फिर चुपके से किताब बेचकर पैसा कमाना चाहते थे। ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण प्रधानाध्यापक और शिक्षक के कारनामे का पदार्फाश हो गया। ऐसे में कहा जा सकता है कि भले ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक सख्ती बरत रहे हैं ताकि बच्चों को अच्छी तालिम मिल सके लेकिन उन तमाम कोशिशों पर ऐसे लोग बट्टा लगा देते हैं।

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