पटना में बाढ़ और सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों को दिए निर्देश

  • समीक्षा बैठक में सीएम नीतीश ने लिया तैयारियों का जायजा, कहा- बाढ़ से बचाव के लिए इस साल बिहार सरकार खर्च करेगी 1000 करोड़ की राशि
  • सभी संभावित बाढ़ प्रभावित जिलों में डीएम और अधिकारी अलर्ट मोड पर करें काम : मुख्यमंत्री

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना के 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभावित बाढ़-सुखाड़ से पूर्व तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने बिहार में संभावित बाड़ और सुखाड़ को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश भी दिया है। दरअसल बिहार में कई ऐसे जिले हैं जहां के लोग बाढ़ की त्रासदी को झेलते हैं। वहीं कई जगहों पर सुखाड़ पड़ता है। बिहार में सरकार ने 1 जून से 31 अक्टूबर तक बाढ़ की अवधि तय की है। इसको लेकर किस तरह की तैयारी की गई है इसे जानने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आला अधिकारियों की बैठक की। उन्होंने बढ़ और सुखाड़ से निपटने के लिए अधिकारियों को जरुरी निर्देश भी दिया है। बिहार सरकार इस साल बाढ़ से बचाव के लिए 1000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर रही है। बाढ़ सुरक्षात्मक और कटाव निरोधक 271 से अधिक योजनाओं के लिए 617 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर रही है। साथ ही नेपाल भूभाग में बाढ़ बचाव कार्य के लिए 70 करोड़ से अधिक की राशि सरकार खर्च कर रही है। जल संसाधन विभाग आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर रहा है। जिसके लिए बेफिक्रे ऐप नाम का भी लॉन्च किया है। जिससे 3 से 5 दिन पहले नदियों के जलस्तर और मौसम से संबंधित सूचनाएं प्राप्त हो जाएगी, जिससे लोगों को अलर्ट किया जा सकेगा। वही समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि मानसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां स-समय पूरी कर लें। अभी से इसको लेकर एक-एक चीज पर नजर रखें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत इसका अनुश्रवण करता रहेक और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत न हो। जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहां तेजी से इस पर कार्य करें। पिछले वर्ष सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था। इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मानसून के पहले पूर्ण करें। नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें। इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी। जल – जीवन – हरियाली अभियान के तहत सात अवयवों में जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत निगरानी करें। पौधरोपण के कार्य को और बढ़ाया जाए। नगर विकास एवं आवास विभाग नगर निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण करा दें, ताकि उन्हें सभी दायित्वों की जानकारी हो और बेहतर समन्वय स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चीज पर नजर रखनी है और पूरी तरह से सतर्क रहना है। मुस्तैदी के साथ सभी लोग लगे रहेंगे तो आपदा की स्थिति में लोगों को राहत मिलेगी। सभी संबद्ध विभाग जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु स्थिति की जानकारी ले और उसके आधार पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें। हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें। जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन करें, क्षेत्रों में जाकर वस्तु स्थिति की जानकारी लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति में प्रभावितों को हरसंभव मदद करती है, इसे ध्यान में रखते हुए सभी संबद्ध विभाग और अधिकारी सतर्क रहें।

About Post Author

You may have missed