लालू परिवार पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री ने दी प्रतिक्रिया, नीतीश बोले- जब हम साथ है, तो छापेमारी होती है

  • भाजपा में जाने पर सीएम का सुशील मोदी पर तंज़, कहा- उनका काम है बोलना, बोलेंगे नहीं तो क्या करेंगे

पटना। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ देशभर में केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही है। ईडी और सीबीआई का दावा है कि लालू यादव और उनके बेटे-बेटियों के खिलाफ घोटाले के ठोस सबूत मिले हैं। इस पूरे मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। नीतीश कुमार ने कहा कि 2017 में भी रेड हुआ था, उसके बाद हम महागठबंधन से अलग हो गए थे। 5 साल बीत गए और अब हम एक साथ आ गए हैं तो फिर से रेड हो रहा है। इस पर अब मैं क्या बोल सकता हूं? मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनके खिलाफ समन जारी हुआ है, वो जवाब दे ही रहे हैं। कहीं पर कुछ होता है, उसपर हम प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। वहीं, महागठबधंन में दरार और भाजपा से फिर हाथ मिलाने की अटकलों को लेकर सीएम ने हंसते हुए कहा कि कोई गठबंधन से अलग नहीं हो रहा है। सुशील मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उनका काम है बोलना। बोलेंगे नहीं तो क्या करेंगे।

जानकारी के अनुसार, पटना और दिल्ली में लालू यादव और राबड़ी देवी से सीबीआई की पूछताछ के बाद शुक्रवार को ईडी ने लालू परिवार और उनके करीबियों के 24 ठिकानों पर शिकंजा कसा। इस दौरान लालू के बेटे तेजस्वी यादव और बेटियों के घर पर भी तलाशी ली गई। ईडी का दावा है कि साल 2004 से 2009 में रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले में उनके पास ठोस सबूत हैं। तेजस्वी यादव की मुश्किलें भी बढ़ गई है। शनिवार को सीबीआई ने इस मामले में उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था। हालांकि, उन्होंने गर्भवती पत्नी के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए दूसरी तारीख की मांग की है। आज तेजस्वी यादव से पूछताछ नहीं होगी।

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