पटना-छठ घाट पर नहाने गये दो बच्चो की डूबकर मौत से मचा कोहराम,गौरीचक के शेखपुरा गाँव में पास दरधा नदी में हुआ हादसा

फुलवारीशरीफ |पुनपुन ( अजीत )। गौरीचक में छठ पूजा का उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देने के बाद शेखपुरा गाँव के पास दरधा नदी में दो छोटे छोटे बच्चो की डूबकर मौत हो जाने से पूजा का माहौल मातम में बदल गया।मृतक दोनों बच्चे शेखपूरा गाँव के रहने वाले थे।जिनकी शिनाख्त सुरेन्द्र रविदास के आठ वर्षीय पुत्र रौशन कुमार और स्व प्रेमन मोची के सात वर्षीय बेटे विकास कुमार के रूप में होते ही परिजनों में कोहराम मच गया।चंद मिनट पहले जिस घाट पर भक्तिमय वातावरण था वहीँ एक ही गाँव के दो छोटे छोटे बच्चो की डूबकर मौत की खबर से कोहराम मच गया और पुरे गाँव में मातम पसर गया।बच्चो के डूबने के शोर मचते ही वहा मौजूद ग्रामीणों और पुलिस की मदद से सात साल के की लाश निकल ली गयी लेकिन रौशन की लाश निकालने में असफल पुलिस प्रशासन ने एसडीआरएफ को बुलवाई।विकास की दादी पोते की लाश देख विलाप करते हुए बेहोश हो गयी जिन्हें ग्रामीण महिलाओं ने संभाला। इसके घंटो बाद दोपहर में आठ साल के विकास की लाश निकलते ही परिजन दहाड़ मार विलाप करने लगे।विकास लखना पूर्वी पंचायत की मुखिया प्रमिला देवी और सामाजिक कार्यकर्ता द्वारिका पासवान ने प्रशासन से मृतको के परिवारों को आपदा का मुआवजा दिलाने की मांग की है। द्वारिका पासवान ने बतया की बीडीओ ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
जानकारी के मुताबिक गौरीचक थाना अंतर्गत शेखपुरा गाँव के पास दरधा नदी में रविवार की सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद श्रद्धालु लौटने लगे तो इसी भीड़ भाड़ के बीच गाँव के ही सुरेन्द्र रविदास के आठ वर्षीय पुत्र रौशन कुमार और स्व प्रेमन मोची के सात वर्षीय बेटे विकास कुमार नदी में नहाने उतरे और डूब गये।बच्चो को डूबने का शोर मचते ही वहा मौजूद लोगों और पुलिस की मदद से एक बच्चे विकास की लाश तुरत ही निकाल ली गयी।विकास की माँ और पिता दोनों की मौत पहले ही हो चुकी है। विकास की दादी उसका पालन पोषण कर रही थी। बेटे और बहु के बाद पोते की डूबकर मौत की खबर सुनकर दादी बेहोश हो गयी।मृतक विकास की दादी होश में आते ही अपने पोते की लाश से लिपट विलाप करने लगती और उसे बार बार उठाने लगती।दादी के साथ ही अन्य परिजन और गाँव की महिलाओं के करून क्रंदन से वहां मौजूद लोगों की आंखे भी बरस पड़ी।मौके पर पटना से पहुंचे एसडीआरएफ के गोताखोर के अथक प्रयास से दोपहर में जब रौशन की लाश नदी से निकली तो परिजनों के चीत्कार से एक बार फिर शेखपुरा घाट चीत्कार में डूब गया।रौशन की माँ और पिता सुरेन्द्र रविदास बार बार बेहोस हूए जा रहे रहे वहीँ अन्य परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था।दोनों ही परिवार के रोते बिलखते परिजनों को सँभालने में गाँव की दूसरी महिलाये भी बिलखने लगती |घाट पर पहुचे लखना पूर्वी मुखिया पति द्वारिका पासवान ने दोनों ही परिवारों को ढाढस बंधाया और सरकारी मुआवजा दिलाने की मांग प्रशासन से की।गौरीचक थानेदार ने बताया की लाशो का पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जायेगा।

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