झारखंड में चंपाई सरकार ने पास किया बहुमत परीक्षण, 47 विधायकों ने पक्ष में किया मतदान

  • फ्लोर टेस्ट में हेमंत ने केंद्र को घेरा, कागज दिखाने पर झारखंड छोड़ने का किया दावा

रांची। झारखंड में नवगठित चंपाई सोरेन सरकार ने बहुमत परीक्षण पास कर लिया है। सोमवार को विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में कुल 47 विधायकों ने सरकार के पक्ष में मतदान किया, जबकि विपक्ष में 29 वोट पड़े। झारखंड विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 41 है। सरयू राय तटस्थ रहे, जबकि निर्दलीय अमित यादव विधानसभा नहीं पहुंचे थे। कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने भी बहुमत परीक्षण में हिस्सा लिया। उन्होंने विश्वास मत पर चर्चा में भी हिस्सा लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आक्रामक अंदाज में बरसे। झारखंड विधानसभा में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के 47 विधायक हैं और इसे सीपीआईएमएल (एल) के एक विधायक का बाहर से समर्थन प्राप्त है। वहीं, भाजपा के पास 26 विधायक हैं। आजसू के तीन और एनसीपी के एक विधायक हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन को आशंका थी कि भाजपा उनके विधायकों की ‘खरीद-फरोख्त’ का प्रयास कर सकती है, ऐसे में दो फरवरी को दो उड़ानों से करीब 38 विधायक कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद चले गए थे। विधायकों को रविवार शाम रांची वापस लाया गया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए जाने के बाद झामुमो विधायक दल के नेता चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पीएमएलए (धनशोधन रोकथाम अधिनियम) से संबंधित मामलों की सुनवाई वाली एक विशेष अदालत ने हेमंत सोरेन को विश्वास मत प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी। अदालत ने 2 फरवरी को हेमंत सोरेन को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
हेमंत सोरेन बोले- कागज दिखा दीजिए, राजनीति तो दूर झारखंड छोड़ दूंगा
23 मिनट के भाषण में हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा को तीखे लहजे में जवाब दिया। कहा कि देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। लगता है इसमें राजभवन शामिल है। जमीन हड़पने का कागज दिखा दीजिए, राजनीति तो दूर झारखंड छोड़ दूंगा। इस बीच, सोमवार को ही झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई। 9 फरवरी को ईडी की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा। 12 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई है।
जांच एजेंसी एक दल के लिए काम करेगी तो ये चिंता की बात: चंपई सोरेन
सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि बहुत कुछ करना है। हेमंत सोरेन की सरकार के काम को आगे बढ़ाना है। अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना है। केंद्रीय एजेंसी की भी एक पारदर्शिता होनी चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए, जो हेमंत सोरेन के साथ हुआ। एजेंसी अगर एक दल के लिए काम करेगी तो ये चिंता का विषय है। वही कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने कहा- भाजपा ने ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर सरकार तोड़ने का काम किया है। इन्होंने ये कई बार किया है। बीजेपी पैसे के बल पर काम कर रही है। कांग्रेस ने आजादी दिलाने का काम किया। ये कहते हैं कि विधायकों को ले गए। इसकी शुरुआत भी बीजेपी वालों ने की थी। हमने सरकार गिराने, लूटने का काम नहीं किया, बल्कि देश को बनाने का काम किया। इसके साथ ही ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) विधायक सुदेश महतो ने सदन में कहा कि व्यक्तिगत रुप से मेरी हेमंत सोरेन के साथ संवेदना है। लेकिन वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा हो तो बेहतर होगा। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन शिबू सोरेन के खिलाफ कांग्रेस के काल में कार्रवाई हुई। देश के पीएम भी एजेंसी के सामने गए हैं। 12-12 घंटे पेश हुए हैं। आपको भी एजेंसी का सम्मान करना चाहिए।

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