नहाय-खाय के साथ चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार से, सायंकालीन अर्घ्य रविवार को

पटना। लोक आस्था के महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान चैत्र शुक्ल चतुर्थी शुक्रवार को नहाय-खाय से शुरू हो रहा है। इस व्रत को करने वाले श्रद्धालु कल गंगा, पवित्र नदी, जलाशय या अपने घरों में गंगाजल मिलाकर स्नान, पूजा के बाद प्रसाद के रूप में अरवा चावल, सेंधा नमक से निर्मित चना की दाल, लौकी की सब्जी, आंवला की चटनी आदि ग्रहण करेंगे।
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि रवियोग तथा सौभाग्य योग के युग्म संयोग में नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान हो रहा है। शनिवार को शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहार रह कर संध्या में खरना का पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगी। खरना के पूजा के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा, जो प्रात:कालीन अर्घ्य पूजा के बाद संपन्न होगा। रविवार को रवियोग में भगवान भास्कर को सायंकालीन अर्घ्य तथा सुकर्मा योग में व्रती प्रात:कालीन अर्घ्य देकर व्रती पूरे तप और निष्ठा के साथ इस महाव्रत को पूर्ण करेंगी।

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