जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह होकर रहेगा : लालू यादव

  • जातीय जनगणना पर रोक लगने के बाद राजद सुप्रीमो ने बीजेपी पर साधा निशाना, पूछे कई सवाल

पटना। जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने अतंरिम आदेश में रोक लगाने का फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से गणना रोकने का आदेश दिया है। जिसके बाद जातीय गणना के दूसरे चरण का काम रूक गया है। इधर कोर्ट के फैसले के बाद इसपर सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है। बीजेपी ने नीतीश कुमार की सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार कोर्ट में इसपर सही से अपना पक्ष नहीं रख सकी तो वहीं आरजेडी और जेडीयू के नेता कह रहे हैं कि बीजेपी कोर्ट के स्टे आर्डर से खुश है। आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। लालू यादव ने ट्वीट कर कहा है कि जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की मांग है। उन्होंने लिखा है यह जनता की मांग है और होकर रहेगा। उन्होंने सवाल किया है बीजेपी बहुसंख्यक पिछड़ों की गिनती से क्यो डर रही है। लालू ने ट्वीट में आगे लिखा है कि जो जातीय गणना का विरोधी है वह समता, मानवता और समानता का विरोधी है। इसके साथ ही वह गरीबी, सामाजिक और आर्थिक भेदभाव, उंच नीच, बेरोजगारी और पिछड़ेपन का समर्थक है।
देश की जनता समझ चुकी है चालाकी : लालू यादव
बिहार में मचे घमासान के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। लालू यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह होकर रहेगा। भारतीय जनता पार्टी बहुसंख्यक पिछड़े हिंदुओं की गणना से डरती क्यों है। जो जातीय गणना का विरोधी है वह समता, मानवता, समानता का विरोधी एवं ऊंच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक व आर्थिक भेदभाव का समर्थक है। देश की जनता जातिगत जनगणना पर बीजेपी की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी बीजेपी पर किया था जोरदार हमला
वही पटना हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर अतंरिम रोक लगने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्‍वी यादव ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जाति आधारित जनगणना जनकल्याण के लिए है, हम गरीबी, पिछड़ेपन को मिटाना चाहते हैं। यह बात स्पष्ट है और होना तय है। उन्होंने बताया कि जजमेंट को एक बार पढ़ा जाएगा कि क्‍या आदेश है, उसके बाद ही सरकार अगला कदम उठाएगी। यह सभी को पहले से पता था कि यह कास्‍ट बेस्‍ड सर्वे है यानी जाति आधारि‍त गणना है, कास्‍ट सेंसस नहीं और यह सरकार का न तो कोई और ना ही पहला सर्वे है।

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