बिहार में बिना नोटिस के नही चलेगा प्रशासन का बुलडोजर, नगर पालिका (संशोधन) विधेयक के तहत पास हुआ प्रस्ताव
पटना। बिहार विधानसभा ने बिहार नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। इसमें नागरिक निकायों के लिए सार्वजनिक भूमि पर विध्वंस अभियान चलाने से पहले अतिक्रमणकारियों को पूर्व सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जिनके पास शहरी विकास विभाग का प्रभार भी है, द्वारा ये विधेयक पेश किया गया था। यहां सारण जहरीली शराब त्रासदी को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ये विधेयक सदन में पारित हो गया। विधेयक के अनुसार, निकाय अधिकारी नोटिस जारी करने के 24 घंटे बाद अस्थायी अतिक्रमण और 15 दिन की नोटिस अवधि के बाद ही स्थायी अतिक्रमण हटा सकते हैं। यादव ने कहा कि राज्य सरकार उन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराने के लिए एक पुनर्वास नीति लेकर आ रही है, जिनके घर हाल ही में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान ध्वस्त कर दिए गए थे। संबंधित अधिकारी पहले से ही प्रभावित लोगों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण के अनुसार, सरकार उन 48,000 प्रभावित झुग्गी-झोपड़ियों के पुनर्वास की तैयारी कर रही है, जिनके घर पटना में हाल के अभियानों के दौरान ध्वस्त कर दिए गए थे।
पटना हाईकोर्ट बोली- ‘तमाशा बना दिया है, किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे
पटना के अगमकुआं इलाके में एक याचिकाकर्ता सहयोग देवी के घर को गिराने के लिए बुलडोजर के ‘अवैध’ इस्तेमाल पर पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में कड़ा रुख अपनाया था। 15 अक्टूबर को याचिकाकर्ता के घर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया था। न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने याचिकाकर्ता के घर को कथित रूप से तोड़े जाने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? ऐसा कौन पावरफुल आदमी है कि बुलडोजर लेकर घर तोड़ दिया इसका? तमाशा बना दिया है।