लोकायुक्त को बिना विज्ञापन के ठेका देने का ब्यौरा नहीं दे रहा भवन निर्माण विभाग, अगली सुनवाई 30 मार्च को

पटना। पांच बार पत्र लिखने के बावजूद भवन निर्माण विभाग लोकायुक्त कार्यालय को बिना विज्ञापन के ठेका देने का ब्यौरा नहीं दे रहा है। यह अधीक्षण एवं कार्यपालक अभियंता के स्तर से प्राप्त होना है। क्षेत्रीय कार्यालयों के इस रवैये से नाराज भवन निर्माण विभाग के विशेष सचिव मनीष कुमार ने भी शुक्रवार को अधीक्षण एवं कार्यपालक अभियंताओं को कड़ी चिट्ठी लिखी है और एक सप्ताह के अंदर संबंधित विषय में प्रतिवेदन देने को कहा है।
लोकायुक्त के पास आई शिकायत
दरअसल, लोकायुक्त के पास शिकायत आई थी कि भवन निर्माण विभाग में बिना उपयुक्त प्रचार यानी विज्ञापन के ठेका दिया जा रहा है। विज्ञापन के लिए स्थानीय प्रचार माध्यम का सहारा लिया जाता है। नतीजा यह निकलता है कि अनुभवी और योग्य ठेकेदार काम नहीं कर पाते हैं। जाहिर है, इससे काम की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। कहा गया कि यह सब चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाता है। बहुत संख्या में मिली शिकायतों पर लोकायुक्त ने संज्ञान लिया और पिछले साल एक मार्च से 31 अक्टूबर के बीच लोकायुक्त कार्यालय से भवन निर्माण विभाग को पांच पत्र लिखा गया। मांग की गई कि विभाग वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता के स्तर से बिना निविदा प्रकाशित कराए आवंटित कार्यों का ब्यौरा दे। केंद्रीय भवन प्रमंडल पटना सहित पांच प्रमंडलों को छोड़ कर अन्य प्रमंडलों से यह जानकारी मांगी गई। दक्षिण बिहार अंचल का कोई प्रमंडल इस सूची में नहीं है।
विभाग को नहीं मिला जवाब
लोकायुक्त कार्यालय से भवन निर्माण विभाग को पत्र गया। भवन निर्माण विभाग ने क्षेत्रीय कार्यालयों को जवाब देने के लिए पत्र लिखा। यह प्रक्रिया पांच बार अपनाई गई। इस दौर में लोकायुक्त कार्यालय में सुनवाई भी हुई। अगली सुनवाई 30 मार्च को है। भवन निर्माण विभाग को फजीहत की आशंका है। ऐसे में विशेष सचिव ने शुक्रवार को अधीक्षण एवं कार्यपालक अभियंताओं को पत्र लिख कर कहा है कि एक सप्ताह के अंदर संबंधित विषय में प्रतिवेदन दें। अन्यथा किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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