बिल्डर शैलेश हत्याकांड : 4 अपराधियों को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, दो के खिलाफ नन बेलेबल वारंट जारी
पटना। बिल्डर शैलेश हत्याकांड मामले में सोमवार को कोर्ट का फैसला आ गया है। बता दे की ADJ-18 योगेश चंद्र त्रिपाठी की कोर्ट ने इस हत्या में शामिल 4 अपराधियों को उम्र कैद की सजा दी है। इतना ही नहीं 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा आर्म्स एक्ट के तहत चारों अपराधियों को 5 साल की सजा अलग से मिली है। इस एक्ट के तहत भी अलग से 5-5 हजार रुपए का जुर्माना अपराधियों को भरना होगा। जिन अपराधियों को उम्र कैद की सजा मिली है, उनमें विशाल सिंह, राजेश रजक, हर्षवर्धन और रंधीर सिंह उर्फ नाटू शामिल हैं। बता दे की लंबे वक्त से इस केस को देख रहे APP अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि 27 फरवरी को ही कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद कुल 6 अपराधियों को दोषी करार दिया था। इनमें 4 को उम्रकैद की सजा आज मिल गई है। हालांकि, इस केस के 2 मुख्य अभियुक्त राजेश यादव और धीरज कुमार सिंह दोषी करार दिए जाने के बाद से फरार हो गए हैं। इस कारण कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी का नन बेलेवल वारंट जारी कर दिया है। साथ ही इनकी संपत्तियों की कुर्की जब्ती करने का आदेश दिया है।
बता दे की बिल्डर शैलेश कुमार की हत्या 26 जून 2013 को हुई थी। सोची समझी साजिश के तहत उनकी हत्या अगमकुआं थाना के तहत जीरो माइल के पास एक बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन साइट पर किया गया था। इस केस के मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं शैलेश कुमार का मैनेजर राजेश यादव ही था। जबकि, गोली उनके मुंशी धीरज कुमार सिंह ने चलाई थी। वहीं विशाल ने अपराधियों को हथियार की सप्लाई की थी। वही इस वारदात के बाद केस दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई की थी। शैलस और राजेश काफी समय से दूसरे आपराधिक मामले में जेल में बंद थे। कोर्ट से बेल मिलने पर दोनों बाहर आए। जब बिल्डर शैलेस की हत्या मामले में कोर्ट ने इन्हें दोषी करार दिया तो ये भाग गए। वही इस कारण हाईकोर्ट से मिले निर्देश के बाद पुलिस की सुरक्षा में गवाहों को कोर्ट में लाने के बाद उनकी गवाही होती थी। अपराधियों की हरकतें इसके बाद भी नहीं रूकी। केस में कोर्ट के फैसले को डिले कराने की भी बहुत कोशिश हुई। जजमेंट से ठीक पहले कोर्ट ट्रांसफर के लिए अपराधियों ने कई चालें चली थी। बावजूद इसके अपराधियों को सजा मिल ही गई।