बीपीएससी टीआरई-4 परीक्षा की तैयारी में जुटा आयोग, जल्द घोषित होगी परीक्षा की तिथि
पटना। बिहार में चौथे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा टीआरई-4 को लेकर तैयारियाँ अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। बीपीएससी इस परीक्षा का संचालन करेगा, जबकि शिक्षा विभाग की ओर से रिक्तियों के अंतिम निर्धारण का काम तेजी से चल रहा है। विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि शिक्षक पदों की अद्यतन और सटीक सूची जल्द से जल्द मुख्यालय को उपलब्ध कराएं। अब तक पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर सहित 14 जिलों ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है, लेकिन 24 जिलों की वैकेंसी सूची अभी लंबित है। इससे पूरी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
जिलों को एक सप्ताह की सख्त समयसीमा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि टीआरई-4 बहाली राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए रिक्तियों की रिपोर्ट भेजने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो जिले समय पर रिपोर्ट नहीं भेजेंगे, उनसे जवाबदेही तय की जाएगी। एसीएस ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को एक सप्ताह की कठोर समयसीमा दी है। उनका कहना है कि रिक्तियों का अंतिम निर्धारण ही परीक्षा की तिथि जारी करने का आधार बनेगा, इसलिए इसे समय पर पूरा करना आवश्यक है।
शिक्षकों के लंबित वेतन पर चिंता
बैठक में एसीएस ने शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान पर भी नाराजगी जताई। कई जिलों में अभी तक अक्टूबर महीने का वेतन नहीं दिया गया है। इससे न सिर्फ शिक्षकों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है, बल्कि विद्यालय व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ता है। उन्होंने निर्देश दिया कि अगले समीक्षा बैठक में उन शिक्षकों की जिलावार सूची प्रस्तुत की जाए, जिन्हें अभी तक वेतन नहीं मिला है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी देरी न हो।
वित्तीय प्रक्रियाओं पर भी रखा गया जोर
वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बावजूद अब तक केवल 28 जिलों ने उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी) महालेखाकार कार्यालय में जमा किए हैं। नवादा, कैमूर, रोहतास और गोपालगंज अभी तक यूसी जमा नहीं कर पाए हैं। एसीएस ने कहा कि जिलों की यह देरी कई वित्तीय योजनाओं और भुगतानों को प्रभावित करती है। इसलिए सभी लंबित प्रमाण-पत्र जल्द से जल्द भेजना आवश्यक है।
शिक्षकों की सेवा से संबंधित दस्तावेज होंगे सुव्यवस्थित
शिक्षकों की सेवा संबंधी रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने के लिए एसीएस ने सभी डीईओ को प्रपत्र-क तैयार करने का निर्देश दिया है। यह प्रपत्र शिक्षकों की नियुक्ति, वेतन, पदस्थापना और सेवा पुस्तिका से जुड़े विवादों को कम करने में सहायक होगा। विभाग का मानना है कि नियमित रूप से अपडेट होने वाला यह दस्तावेज शिक्षकों से जुड़ी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल करेगा।
छात्रवृत्ति के लंबित मामलों पर कड़ी कार्रवाई
बैठक में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लंबित मामलों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई। अभी तक पिछले वर्षों के 527 मामले लंबित हैं। इसके अलावा वर्ष 2024-25 के 4921 और वर्ष 2025-26 के 4126 मामलों का भुगतान नहीं हो पाया है। एसीएस ने स्पष्ट आदेश दिया कि सभी लंबित छात्रवृत्तियों का भुगतान तत्काल किया जाए, ताकि छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो।
कोर्ट मामलों के निबटारे पर भी जोर
कई जिलों में शिक्षकों के वेतन, पदस्थापना और सेवा विवाद कोर्ट में लंबित हैं। एसीएस ने जिलों को निर्देश दिया कि ऐसे मामलों के समाधान के लिए ठोस और त्वरित कानूनी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि कोर्ट मामलों की नियमित समीक्षा जरूरी है, क्योंकि इनके लंबा होने से शिक्षकों की सेवा प्रक्रिया बाधित होती है।
टीआरई-4 परीक्षा की तिथि जल्द घोषित होने की संभावना
शिक्षा विभाग की इस व्यापक समीक्षा से स्पष्ट है कि सरकार टीआरई-4 परीक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। जैसे ही सभी जिलों से रिक्तियों की अंतिम रिपोर्ट मिलेगी, बीपीएससी परीक्षा की तिथि की घोषणा कर देगा। राज्य का लक्ष्य है कि इस बार शिक्षक बहाली पूरी तरह पारदर्शी, समयबद्ध और संगठित तरीके से की जाए, जिससे विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था को मजबूती मिल सके।


