BPSC पेपर लीक कांड-सरकार के दो बड़े अफसरों के नंबरों तक पहुंची जांच टीम-एक चर्चित आईएएस दूसरा परीक्षा नियंत्रक

पटना।बिहार लोक सेवा आयोग बीपीएससी पीटी के परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद सरकार के द्वारा बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा इसकी जांच की जा रही है।इस मामले में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।जिसमें वीर कुंवर सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र प्रसाद सिंह।नियंत्रक सुशील कुमार सिंह,सहायक प्रोफेसर अगम कुमार तथा प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी जयवर्धन गुप्ता के नाम शामिल हैं।इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है।इस पूरे मामले की जांच कर रही ईओयू की टीम ने अनुसंधान के क्रम में दो मोबाइल नंबरों का जिक्र किया है। जिसमें कि दोनों नंबर सरकार से जुड़े बड़े अधिकारियों के हैं।ईओयू टीम ने जिन दो संदिग्ध मोबाइल नंबरों 947****281 तथा 947****001 का अनुसंधान के क्रम में जिक्र किया है।इसमें से एक नंबर परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार का बताया जाता है।दूसरा नंबर युवाओं के बीच लोकप्रिय तथा चर्चित आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह का बताया जा रहा है।हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।लेकिन आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह का यह नंबर एक वेबसाइट में भी उनके कांटेक्ट नंबर के रूप में दर्ज है। कहा जा रहा है कि रंजीत कुमार सिंह के नंबर से परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार के नंबर पर 8 मार्च 2022 को 11:43 में प्रश्न पत्र की प्रति भेजी गई थी।जानकार सूत्रों के मुताबिक यह भी संभव है कि वायरल प्रश्न पत्र किसी छात्र के माध्यम से आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह तक पहुंचा हो। जिसे वे अग्रतर कार्रवाई के लिए परीक्षा नियंत्रक को फॉरवर्ड कर दिए हो। इस संबंध में आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह का कहना है कि इस नंबर का जिक्र गलतफहमी वश आ गया है।पूरे मामले की जांच कर रही टीम के द्वारा अभी तक इस संबंध में विशेष जानकारी नहीं दी गई है।लेकिन एक चर्चित आईएएस अधिकारी के नंबर का अनुसंधान के क्रम में जिक्र होने से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह अभी पंचायती राज विभाग के निदेशक हैं।इसके पूर्व में माध्यमिक शिक्षा विभाग में निदेशक थे। युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहने वाले रंजीत कुमार सिंह एग्जाम की तैयारियों से जुड़े टिप्स भी अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के मार्फत युवा पीढ़ी को देते रहे हैं।शिक्षा विभाग से जब रंजित कुमार सिंह का तबादला हुआ था तो वह ट्विटर पर ट्रेंड कर गया था।शिक्षक अभ्यर्थियों ने रंजीत कुमार सिंह के पक्ष में ट्विटर तथा फेसबुक में बड़ा अभियान चलाया था तथा उनके तबादला को स्थगित करने की सरकार से मांग भी की थी।आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम के द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है। अनुसंधान केंद्र में कई अन्य चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। जानकारी के लिए बता दें कि आईएएस तथा बीपीएससी जैसे प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को रंजीत कुमार सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट में दी गई जानकारियों से काफी मदद मिलती रही है।रंजीत कुमार सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट को देखने के बाद यह पता चलता है कि छात्रों की सफलताओं के प्रति उनकी विशेष अभिरुचि रही है।वे लगातार छात्रों का प्रोत्साहन करते रहते हैंइसलिए उनकी लोकप्रियता भी युवाओं के बीच अन्य अधिकारियों की तुलना में काफी बेहतर है।

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