पटना में पूर्व सीएम केबी सहाय की जयंती पर राजकीय कार्यक्रम आयोजित, सीएम नीतीश ने माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि
पटना। बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कृष्ण बल्लभ सहाय की जयंती पूरे सम्मान और गरिमा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर राज्य सरकार की ओर से राजकीय जयंती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक जगत की कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। यह आयोजन न केवल एक औपचारिक कार्यक्रम था, बल्कि बिहार की राजनीतिक परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों को स्मरण करने का भी अवसर बना।
प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम
स्व. कृष्ण बल्लभ सहाय की जयंती पर मुख्य समारोह नया सचिवालय, पटना के दक्षिण पेसु के कोने, जिसे आमतौर पर तीन मुहानी के नाम से जाना जाता है, स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर आयोजित किया गया। सुबह से ही वहां श्रद्धालुओं, नेताओं और कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। वातावरण पूरी तरह से श्रद्धा और सम्मान से भरा हुआ नजर आया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया माल्यार्पण
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्व. कृष्ण बल्लभ सहाय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कुछ क्षण मौन रखकर उनके योगदान को नमन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्व. केबी सहाय बिहार की राजनीति के एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे, जिनका जीवन जनसेवा, सादगी और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहा। उनके विचार आज भी जनप्रतिनिधियों और समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
वरिष्ठ नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस राजकीय समारोह में कई प्रमुख नेता और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधायक श्याम रजक और विधान पार्षद कुमुद वर्मा ने भी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष रणवीर नन्दन, बिहार राज्य नागरिक परिषद के महासचिव अरविंद कुमार, स्व. केबी सहाय के परिजन तथा अन्य सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
केबी सहाय के जीवन और योगदान का स्मरण
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने स्व. कृष्ण बल्लभ सहाय के राजनीतिक जीवन और उनके योगदान को याद किया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य के विकास, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उनका कार्यकाल ईमानदारी, स्पष्ट दृष्टिकोण और जनकल्याणकारी सोच के लिए जाना जाता है। वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने सत्ता को सेवा का माध्यम माना और आम लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा आयोजन
श्रद्धांजलि कार्यक्रम को और भी भावपूर्ण बनाने के लिए सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। कलाकारों ने आरती-पूजन, बिहार गीत और देशभक्ति गीतों का गायन किया। इन प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक चेतना से भर दिया। उपस्थित लोगों ने कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की और कार्यक्रम को गरिमामय बताया।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
कार्यक्रम में यह भी कहा गया कि स्व. केबी सहाय का जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने जिस तरह से सिद्धांतों, अनुशासन और सेवा भावना के साथ राजनीति की, वह आज के समय में भी प्रासंगिक है। नेताओं ने युवाओं से अपील की कि वे उनके आदर्शों से सीख लेकर समाज और राज्य के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएं।
राजकीय सम्मान और स्मृति का महत्व
राजकीय स्तर पर इस तरह के आयोजनों का महत्व केवल औपचारिक श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं होता। ऐसे कार्यक्रम समाज को अपने इतिहास और उन व्यक्तित्वों से जोड़ते हैं, जिन्होंने राज्य और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्व. कृष्ण बल्लभ सहाय की जयंती पर आयोजित यह समारोह इसी भावना का प्रतीक बना।
समापन और श्रद्धा का संदेश
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने स्व. कृष्ण बल्लभ सहाय को नमन करते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। पूरे आयोजन में यह संदेश स्पष्ट रूप से उभरा कि बिहार की राजनीतिक और सामाजिक चेतना में स्व. केबी सहाय का स्थान हमेशा विशेष रहेगा। उनकी स्मृति और योगदान आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देता रहेगा।


