बाढ़ : नगर परिषद का हरी-नीली डस्टबिन गायब, कई इलाकों में पेयजल का संकट गहराया

नगर परिषद का हरी-नीली डस्टबिन गायब, वार्ड सदस्यों ने खोला मोर्चा
बाढ़। पटना के बाढ़ नगर परिषद के नवनिर्मित भवन के छत पर हजारों की संख्या में नगरवासियों के बीच वितरण के लिए हरी-नीली डस्टबिन रखी गई थी, फिर अचानक पूरा सामान गायब हो गया। जिसे लेकर नगर परिषद के वार्ड सदस्यों का एक खेमा ने मोर्चा खोल दिया है। जिसके तहत नगर परिषद के वार्ड संख्या 8 की महिला वार्ड पार्षद प्रीति देवी ने कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दिए जाने की बात कही है। इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रीति देवी ने बताया कि 100 रूपये से भी कम लागत मूल्य के डस्टबिन की खरीद नगर परिषद के द्वारा 595 रूपया प्रति डस्टबिन किया गया है, जो जांच का विषय है। इसकी शिकायत नगर विकास विभाग को भी की गई है।
वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. जनार्दन प्रसाद वर्मा और नगर अध्यक्ष राजीव कुमार चुन्ना ने बताया कि नगर परिषद के वार्ड पार्षद के द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है। सरकारी सामानों की पारदर्शिता और खरीद में मानकता का पूरा ध्यान रखा गया है। जरूरत आने पर उसके सारे दस्तावेज और वितरण व्यवस्था को सदस्यों के बीच रखा जाएगा।

पीएचईडी की लापरवाही से कई इलाकों में पेयजल का संकट
बाढ़। नगर परिषद क्षेत्र के जगन्नाथन उच्च विद्यालय के पास बनाए गए पेयजल के लिए बोरिंग व्यवस्था लंबे समय से बदहाल स्थिति में है। हालात यह है कि पुराने बोरिंग का जमीन धंस जाने के बाद सिस्टम लकवा ग्रस्त साबित हो रहा है। विभाग के द्वारा मिट्टी भराई नहीं कराए जाने के कारण बोरिंग बंद पड़ा हुआ है, जिसके चलते टंकी का पानी समाप्त होने के बाद लोगों को पेयजल की घोर किल्लत हो जाती है। जबकि पूर्व में पुराने बोरिंग को डायरेक्ट चालू किए जाने से सदर बाजार इलाके सहित कई वार्डों में लोगों को समय से पेयजल पहुंच जाता था लेकिन भीषण गर्मी के दौर में भी पेयजल का संकट धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों के द्वारा इसकी शिकायत पीएचईडी विभाग के एसडीओ और कार्यपालक पदाधिकारी से किए जाने के बावजूद अभी तक इस समस्या से लोगों को निजात नहीं मिली है।

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