संकरी गलियां, बजबजाती नालियों से है पटना के मौलाना बुद्धूचक की पहचान

* पांच सौ दलित परिवारों की आबादी सड़क नाला से वंचित
* दलितों का आरोपः मुखिया जी कहते हैं कि इस बस्ती से उन्हें वोट नहीं मिला

फुलवारी शरीफ। बिहार में सरकार की कई विकास योजनाओ के बूते दलितों की आबादी के सामाजिक और आर्थिक स्तर में बीते सालों में काफी बदलाव आया है लेकिन राजधानी पटना से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित फुलवारी शरीफ प्रखंड का सुईथा पंचायत अंतगर्त मौलाना बुद्धूचक गाँव में दलितों की करीब पांच सौ परिवार आज भी नाला, गली में पीसीसी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। सात निश्चय योजना नल का जल समेत अन्य सरकारी योजनाओ का लाभ इन दलित परिवार को समुचित रूप से नहीं मिल पाया है। इस बस्ती के लोगों का आरोप है की सरकार की विकास योजनाओ में दलितों के साथ भेदभाव होता है, उन्हें उनके हक से वंचित रखा जाता है। मौलाना बुद्धू चक के इस दलित बस्ती की संकरी गलियां में बहती बजबजाती नाले का गंदा पानी से होकर ही लोगों का आने जाने की वर्षो पुराने मज़बूरी से अबतक निजात नही मिली है। इस बस्ती के लोगों को सही से खरंजा तक नसीब नहीं हो पाया है। लोग बताते हैं कि करीब पंद्रह बीस वर्षो पहले कुछेक गलियों में खरंजा हुआ था जो अब उजड़कर उबार खाबर रास्ता बना चुका है। इस बस्ती के लोगों को पीसीसी सड़क का लाभ भी नही मिला जिससे यहां की गलियों की हालत खस्ताहाल है। आधे अधूरे गालिओ में वर्षो पहले जो नाला बने गया वह भी टूट फुट चूका है जिससे बरसात में इस बस्ती के लोगों की हालत दयनीय ही नहीं बल्कि नारकिय हो जाती है। मिटटी के रास्ते की बनी गलियों में हर वक्त नाला नही रहने से घरो का कचरा पानी बहता हुआ रहता है। इस दलित बस्ती के लोगों का गभीर आरोप सुईथा पंचायत के मुखिया नवलेश सिंह के ऊपर यह है की मुखिया जी कहते हैं की इस दलित बस्ती के लोगों ने उन्हें वोट नही दिया इसलिए यहाँ विकास का काम नही हुआ |
दलित बस्ती के लोगों के आरोप को गलत बताते हुए मुखिया नवलेश सिंह का कहना है की उन्होंने वर्षो से उपेक्षित इस दलित बस्ती के उत्थान के लिए पांच लाख राशी की वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति को पिछले वर्ष दिया और नौ लाख की राशी नल जल योजना के लिया दिया गया है। नल जल योजना का सही रूप से काम यहाँ नही हुआ है। आधे अधूरे घरो में ही नल के जल का लाभ मिल पाया है। काम कराने वाले इसके लिए जिम्मवार हैं। मखिया जी उलटे सवाल करते हैं की इनसे पहले इस पंचायत में मुखिया टुनटुन रजक , तारकेश्वर चौधरी और उमेश रविदास ने अपने कार्यकाल में इस बस्ती के लिए कोई राशी खर्च नही किया। मुखिया नवलेश सिंह ने कहा की उनके पंचायत में नौ वार्ड हैं और विकास योजना की राशी की कमी है। उन्हें जो राशी मिल रही है उसी में सभी वार्डों में खर्च करना है। मुखिया ने सवाल उठाया की सांसद विधायक , जिला परिषद ने इस दलित बस्ती के लिए क्या काम कराये।

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