बिहार के मुख्यमंत्री जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए तरह-तरह का हथकंडा अपना रहे है : राजेश भट्ट

पटना। लोजपा (रा) ने बिहार की बदहाल स्थिति पर चिंता जाहिर की है और सरकार को आड़े हाथो लिया है। पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट का कहना है कि यह चुनावी साल है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाने के लिए तरह-तरह का हथकंडा अपना रहे हैं। वही आगे भट्ट ने कहा कि नीतीश सरकार अपने पाले हुए गुंडों से दंगा करवाती हैं और फिर अपनी नाकामी को छिपाने के लिए सरकार में बैठे लोगों से कभी धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को बिहार आने से रोकने का नाटक करते हैं, तो कभी बजरंग दल को दंगाई बताते हैं। वही कभी रामचरित मानस पर अनरगल बयान देते हैं तो कभी ब्राह्मण समुदाय को बाहरी बताते हैं। सच तो यह है कि आगामी चुनाव में नीतीश कुमार खुद की हार को प्रत्यक्ष रुप से महसूस करने लगे हैं और बौखलाहट में तरह-तरह का प्रलाप कर रहे हैं। वही भट्ट ने कहा कि नीतीश कुमार के पास अगर हिम्मत है तो बिहार में धीरेन्द्र शास्त्री की तरह सभी धर्मगुरुओं पर पाबंदी लगाकर दिखाएं। वही नीति आयोग की रिपोर्टों का हवाला देते हुए भट्ट ने कहा कि अब तक जितनी भी सरकारें आई हैं, सबने बिहार को सिर्फ लूटने और बिहारियों को छलने का काम किया है। किसी ने यह कोशिश नहीं की कि बिहार को अन्य प्रदेशों की तरह विकसित और संपन्न कैसे बनाया जाए।

वही भट्ट ने कहा कि बिहार महापुरूषों की धरती है। इतिहास गवाह है यहां एक से बढ़कर एक महापुरूषों ने जन्म लिया है। यह माता सीता, गौतम बुद्ध, भगवान महावीर, गुरुगोविंद सिंह, आर्यभट्ट जैसे महान विभूतियों की जन्मस्थली, कर्मस्थली और ज्ञानस्थली है। वही अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का शंखनाद भी महात्मा गांधी ने इसी बिहार की क्रांतिकारी भूमि चंपारण से किया था। लेकिन यह विडंबना ही है कि इतने समृद्ध इतिहास वाले प्रदेश बिहार को आज देश भर में बीमारु प्रदेश की संज्ञा दी जाती है। वही इतिहास में जब शिक्षा की बात होती है तो देश-दुनिया में नालंदा विश्वविद्यालय का नाम सबसे उपर आता है। लेकिन, यह अफसोस की बात है आज बिहार के युवाओं को बेहतर शिक्षा प्राप्त करनी हो तो उसके लिए उन्हें दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाओं उद्योग और रोजगार के अवसरों की तो बात ही बेमानी हैं। अच्छी शिक्षा चाहिए तो दूसरे प्रदेश जाओ, बेहतर इलाज चाहिए तो दूसरे प्रदेश जाओ, रोजगार चाहिए तब दूसरे प्रदेश जाओ, आज बिहार पूरी तरह दूसरे प्रदेशों पर निर्भर हो कर रह गया है।

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