गठबंधन पर अखिलेश यादव का बयान-‘छोटे दलों को साथ लेकर चलना कांग्रेस की जिम्मेवारी

अमृतवर्षाः 2019 से पहले बीजेपी विरोधी दलों को एकजुट करने की कवायाद जारी है। विपक्षी एकता के नाम से जारी इस कवायद में कई बार मुश्किलें आ जाती हैं। सहयोगी छिटकते दिखायी देने लगते हैं। इस बीच यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक बड़ा बयान दे दिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस एक बड़ा दल है और इसलिये उसकी जिम्मेदारी है कि वह छोटे दलों को अपने साथ ले। खजुराहो में मंगलवार को पत्रकार वार्ता में गठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने स्पष्ट किया, ‘‘कांग्रेस एक बड़ा दल है और इस नाते उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह छोटे दलों को भी साथ ले। एक समय था जब समाजवादी पार्टी के आठ विधायक मध्यप्रदेश में थे, हमारा मत प्रतिशत भी ठीक था। हम तो चाहते थे कि कांग्रेस के साथ गठबंधन हो, पर कांग्रेस को लगता है कि हममें बल नहीं है। अब गठबंधन की बात तो सिर्फ हमसे नहीं बल्कि बसपा के साथ भी करनी होगी, तभी गठबंधन हो पायेगा।’’ उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से हो चुका है और बसपा से बात चल रही है।गुजरात में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हो रही घटनाओं पर उन्होंने कहा की दोषियों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। पर उत्तर भारत के लोगों को वहां से निकाला जाना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ये तो नहीं हो सकता कि एक घटना का सहारा लेकर आप सबको मार कर भगा दें।
सपा अध्यक्ष ने भाजपा हटाइये सुख चैन से रहिये का नारा देते हुए कहा कि भाजपा को हटा दो, समाज में प्यार मोहब्बत होगी क्योंकि भाजपा तो प्रयोग करती है कि लोग दुखी कैसे हों, रात में नोट बंदी कर दी, देश लाइन में खड़ा हो गया, जीएसटी लागू कर दी, तो व्यापारी परेशां हो गया, सुप्रीम कोर्ट के फैसले आये तो उसमें भी कुछ करने लगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।

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