बाबा भोलेनाथ का चमत्कार देख गजनी भी लौट गया था….

18 सालों बाद महाशिवरात्रि सोमवार को

फुलवारी शरीफ (अजित)। महाशिवरात्रि आज से 18 साल पहले सोमवार को पड़ा था। इस सोमवार को महाशिवरात्रि की छठा भी निराली है। हर तरफ बाबा भोलेनाथ शिवशंकर जटा शंकर शिव शंकर गणनाथ नीलकण्ठ महेश्वर,शम्भू ,शशिशेखर आदि एक सौ आठ नामों से पुकारे जाने वाले बाबा अजगैबीनाथ की पावन महाशिवरात्रि में किसी भी बेला में आराधना की जाए, तो मां पार्वती और भोले त्रिपुरारी दिल खोलकर कर भक्तों की हर कामनाएं पूरी करते हैं । बाबा भोलेनाथ के बारे में कहा जाता है कि मुस्लिम शाषक महमूद गजनी ने बक्सर में मंदिर तोड़ने आया तो चमत्कार देख वापस लौट गया था । बाबा की महिमा की अनेकों किस्से कहानियां है । आइये बाबा की महिमा की झलक से रु ब रु हों ।

बिहार के बक्सर जिला मुख्यालय से करीब 40km की दूरी पर ब्रह्मपुर है। यही पर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का मंदिर है। मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनी ब्रह्मपुर आया था। यहां के लोगों ने गजनी से अनुरोध किया कि इस शिव मंदिर को नहीं तोड़े नहीं तो बाबा उसका विनाश कर देंगे। इसी बात को लेकर गजनी ने बाबा ब्रह्मेश्वर को चैलेंज किया था, लेकिन भगवान का चमत्कार देख वह वापस लौट गया था।
गजनी के चैलेंज के बाद हुआ था चमत्कार
सन् 1030 से 1040 के बीच भारत के बड़े भू-भाग पर मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनी का राज था। वह जहां भी हमला करता वहां के मंदिरों को तोड़ देता था। गजनी जब बक्सर आया तो ब्रह्मपुर के लोगों ने उसे चेतावनी दी कि अगर वह मंदिर तोड़ेगा तो बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की तीसरी आंख उसका विनाश कर देगी। गजनी ने कहा कि ऐसे कोई देवता नहीं हैं। अगर हैं, तो मंदिर का प्रवेश द्वार जो पूरब दिशा में है वह रात भर में पश्चिम की ओर हो जाएगा? अगर ऐसा होता है तो वह मंदिर को छोड़ देगा और कभी मंदिर के पास नहीं आएगा। अगले दिन गजनी जब मंदिर का विनाश करने आया तो दंग रह गया। उसने देखा कि मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की तरफ हो गया है। इसके बाद वह वहां से हमेशा के लिए चला गया।
बाबा पूरी करते हैं भक्तों की मनोकामना
कहा जाता है कि जो भी दरबार में आता है बाबा उसकी मनोकामना पूरी करते हैं। यही कारण है कि हजारों लोग दर्शन के लिए यहां पर आते हैं। यहां आपने आप निकले ब्रह्मेश्वर शिवलिंग का दर्शन होता है। ब्रह्मेश्वर शिव मंदिर का गर्भगृह बहुत बड़ा है। बहुत कम जगहों पर इतना बड़ा गर्भगृह दिखता है। मंदिर में प्रवेश करते ही आध्यात्मिक ऊर्जा का एहसास होता है। कहा जाता है कि मंदिर की सफाई करने वाले कुष्ट रोगी भी बाबा की कृपा से ठीक हो जाते हैं।
देश भर से आते हैं लोग
ब्रह्मपुर धार्मिक पर्यटन का लोकप्रिय केंद्र है। बिहार, यूपी और झारखंड के साथ-साथ कई दूसरे राज्यों के लोग बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। लगन के समय यहां बहुत भीड़ होती है, जितने भी धर्मशाला हैं सभी बुक रहता हैं।
मंदिर के पास के तालाब में सालों भर रहता है पानी
मंदिर के पास बहुत बड़ा तालाब है। यह तालाब कब बना स्पष्ट नहीं है। इस तालाब की खास बात यह है कि इसमें सालों भर पानी रहता है। मंदिर में पूजा करने वाले लोग यहां स्नान करते हैं। प्रशासनिक लापरवाही के कारण तालाब की सफाई नहीं हो पाती है, जिसके कारण तालाब का पानी हरा हो गया है। इस तालाब से मंदिर की खूबसूरती बढ़ जाती है। मंदिर के पुजारी डमरू पांडेय कहते हैं कि पहले बाढ़ के समय गंगा का पानी मंदिर के पास आ जाता था, जिससे तालाब भर जाता था। कई जगहों पर बांध बनने से अब गंगा मंदिर तक नहीं आ पाती हैं।

महाशिवरात्री पर जलाभिषेक को उमड़ा जनसैलाब

वहीं सोमवार को अहले सुबह से ही शहरी व ग्रामीण इलाके में महाशिवरात्रि के महापावन अवसर पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए नंगे पांव सैंकड़ो श्रद्धालुओं का जन सैलाब शिवालयो व मंदिरों में उमड़ पड़ा। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ हर हर महादेव का जयघोष करती तो चारों दिशाए भक्तिमय वातावरण से गुंजायमान हो जाता। शिवालयो व मंदिरों को आकर्षक ढंग से बिजली के रंग बिरंगी बल्बों व किसिम किसिम के फुल पत्तों से दुल्हन की तरह सजाया गया था। फुलवारी शरीफ थाना परिसर स्थित शिव मंदिर में शिव भक्ति के गीत – संगीत पर देर रात तक श्रद्धालु झूमते रहे। वाल्मी , भुसौला , राम नगर , फुलिया टोला ,नकटी भवानी चकमुसा, बभनपूरा , नगवां , जानीपुर , सबजपूरा , बजरंग बलि कोलोनी , इसोपुर , करोड़ीचक , रानीपुर , राष्ट्रीयगंज , उफरपूरा , महुआबाग़ , बीएमपी – 16 एंड बीएमपी वेटनरी कॉलेज ,अनीसाबाद , बेउर , बालमीचक , हरनीचक , मित्रमंडल कोलोनी , साकेत बिहार , बिड़ला कोलोनी , परसा बाजार , कुर्थौल , एतवारपुर समेत संपत चक , बैरिया , गोपालपुर , गौरीचक इलाकों में तमाम शिवालयो व मंदिरों में महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल , दूध ,धतुरा , बेलपत्र , पुष्प आदि से पूजन अर्चना करने व जलाभिषेक करने अहले सुबह से देर शाम तक महिलाओं व पुरुष श्रधालुओं का रेला उमड़ा रहा। दर्जनों जगहों पर अखंड कीर्तन व शिव चर्चा के आयोजन से पूरा माहौल भक्तिमय बना रहा।

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