अशोक चौधरी का मंत्री पद खतरे में, पटना हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई 19 को
पटना। पटना हाईकोर्ट भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के मंत्री पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 19 जुलाई को सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने बताया कि भारतीय संविधान की धारा 163 (1) के तहत मंत्री अशोक चौधरी की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अशोक चौधरी को मंत्री के रूप में नियमों के खिलाफ पिछले साल छह मई से पांच नवंबर तक कार्य करने दिया गया, जबकि विधान परिषद के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल छह मई को ही खत्म हो गया था, इसके बाद उन्होंने चुनाव भी नहीं लड़ा।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल 16 नवंबर को विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं होने के बावजूद वे अवैध रूप से मंत्री बने।
याचिकाकर्ता ने बताया कि इस साल 17 मार्च को उन्हें विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। इस तरह छह मई, 2020 से पांच नवंबर, 2020 तक उनके मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है।
पिछले साल 16 नवंबर को मंत्री पद पर नियुक्ति व राज्यपाल कोटे से विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करना संविधान के नियमों के खिलाफ है। मामले पर महाधिवक्ता ललित किशोर के अनुरोध किया कि उक्त याचिका की सुनवाई के लिए एक सप्ताह बाद रखा जाए।