ECR : महाप्रबंधक ने की निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा, निर्माण कार्यों को समय-सीमा के भीतर पूरा करने पर दिया बल

पटना। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने शुक्रवार को महेन्द्रू घाट में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में पूर्व मध्य रेल की निर्माण परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण (उत्तर) पीके गोयल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण (दक्षिण) दिनेश कुमार एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान महाप्रबंधक ने पिछले तीन वर्षों में निर्माण संगठन द्वारा पूरी की गयी परियोजनाओं की समीक्षा की तथा भविष्य में पूरी की जाने वाली निर्माण परियोजनाओं के मद्देनजर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में पावर प्वायंट प्रजेंटेशन के माध्यम से निर्माण विभाग की उपलब्धियों एवं भविष्य के लिए निर्धारित लक्ष्यों से महाप्रबंधक को अवगत कराया गया। महाप्रबंधक ने मुजफ्फरपुर-बाल्मिकीनगर दोहरीकरण, पाटलिपुत्र-पहलेजा (पटना गंगा ब्रिज) दोहरीकरण परियोजना एवं अन्य सभी परियोजनाओं का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने पर बल दिया। महाप्रबंधक ने मीठापुर आरओबी एवं कटरिया-कुरसेला रेलपुल की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पूर्व मध्य रेल में चल रही निर्माण परियोजनाओं की नियमित एवं गहन मॉनिटरिंग का निर्देश दिया ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके। इसी क्रम में 291 किमी लंबे पतरातु-सोननगर तीसरी लाइन की कार्य प्रगति की भी महाप्रबंधक ने समीक्षा की। उन्होंने आरओबी, आरयूबी, बाईपास के निर्माण पर जोर दिया ताकि बिना अवरोध के रेल एवं सड़क यातायात जारी रह सके।


बैठक को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि हमें रेलवे के प्रत्येक क्षेत्र में नई तकनीक का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना होगा ताकि लोगों की अपेक्षा पर खरा उतरते हुए उन्हें बेहतर परिणाम दे सकें। उन्होंने नर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए निर्माणाधीन रेल परियोजनाओं को निर्धारित लक्ष्य पर पूरा करने पर बल दिया। इसी कड़ी में भारतीय रेल में पहली बार पूर्व मध्य रेल में ड्रोन कैमरा द्वारा निर्माण परियोजनाओं की निगरानी की व्यवस्था की गई।
पूर्व मध्य रेल द्वारा संरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 2020-21 में परिचालन दक्षता में वृद्धि हेतु मुजफ्फरपुर एवं बछवाड़ा यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य पूरा किया। इसी तरह कई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की कमीशनिंग की गई। इसी क्रम में वर्ष 2021-22 में नई लाइन (35 किमी), आमान परिवर्तन (83 किमी) तथा दोहरीकरण (208 किमी) परियोजना से जुड़े कुल 326 किलोमीटर का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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