पटना एम्स में कोरोना से 12 मरीजों की मौत, लोग पूछ रहे सवाल- राज्य सरकार क्यों नहीं लगा रही लॉकडाउन

23 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज हुए एडमिट, 10 लोगों ने कोरोना को हराया

फुलवारी शरीफ। बिहार में कोरोना का कहर जारी है। प्रतिदिन दर्जनों लोग संक्रमण के कारण दम तोड़ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार के कानों में पीड़ितों की चीखों की गूंज सुनाई नहीं पड़ रही है। जब चारों ओर से राज्य में लॉकडाउन लगाने की मांग लगातार उठ रही है, उसके बावजूद बिहार सरकार की न जाने कौन सी मजबूरी है कि वे लॉकडाउन नहीं लगा रही है। क्या सरकार बिहार को श्मशान में तब्दील होता देखना चाहती है? सोमवार को पटना एम्स में पटना, झारखंड, शेखपुरा, मुंगेर, लखीसराय, समेत 12 लोगों की मौत कोरोना से हो गयी जबकि 23 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एडमिट किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा पटना के पॉजिटिव मरीज हैं।
एम्स कोरोना नोडल आफिसर डॉ. संजीव कुमार के मुताबिक पटना एम्स में राजीव नगर के 75 वर्षीय जगत नारायण सिंह, धनबाद की 68 वर्षीय प्रमिला सिन्हा, शेखपुरा के 66 वर्षीय त्रिभुवन शर्मा, कदमकुआं के 66 वर्षीय रवि भूषण, गौरेया मठ की 80 वर्षीय सरोज सिंहा, बोरिंग रोड के 82 वर्षीय संजय कुमार सिन्हा, दीघा की 50 वर्षीय विभा शर्मा, मूंगेर के 62 वर्षीय सुबोध कुमार सिन्हा, लखीसराय के 48 वर्षीय विनोद कुमार वर्मा, दीघा के 52 वर्षीय सुनील कुमार सिन्हा, पत्रकारनगर की 60 वर्षीय पुष्पा देवी जबकि हनुमान नगर के 58 वर्षीय रानेन कुमार सिन्हा की मौत कोरोना संक्रमण से हो गयी है। वहीं एम्स के आइसोलेशन वार्ड में 23 नये कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है, जिसमें पटना के सबसे ज्यादा 18 लोगों समेत सारण, वेस्ट बंगाल, सिवान समेत अन्य जिलों के मरीज शामिल हैं।
इसके अलावा एम्स में 10 लोगों ने कोरोना को मात दे दिया, जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं सोमवार शाम तक आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कुल 332 मरीजों का इलाज चल रहा था।