हैदराबाद में फंसे हजारों बिहारी मजदूरों रोज भोजन करा रही रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट, जानिए कौन हैं रेखा व्यालपल्ली
हैदराबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के दौरान हैदराबाद और आसपास के शहरों में हजारों की संख्या में बिहारी मजूदर फंसे हैं। इन श्रमिकों के सामने खाने-पीने की समस्या आ गई है। इन श्रमिकों की मदद के लिए कई सामाजिक संस्था आगे आई है। इनमें भारतीय टेनिस खिलाड़ी रेखा व्यालपल्ली के नेतृत्व में सामाजिक संगठन रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट दिन-रात सहयोग करने में लगा है। ट्रस्ट प्रतिदिन संकट में फंसे जरूरतमंद हजारों लोगो को खाद्य सामग्री मुहैया करा रही है।


संस्था के संस्थापक रेखा व्यालपल्ली ने बताया कि करीब बीस हजार श्रमिकों के बीच खाद्य सामग्री किट का वितरण किया जा चुका है और प्रतिदिन लगभग दो हजार लोग इसका लाभ ले रहे हैं। इस किट में चावल, आटा, दाल, आलू, प्याज, नमक, मसाला, तेल और चना शामिल है। रेखा आगे बताती हैं कि संकट के इस घड़ी में सभी लोग परेशान हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं की परेशानी कुछ ज्यादा ही है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए संस्था की ओर से एक विशेष किट की व्यवस्था की गयी है, जिसमें एक कैरेट अंडे, ड्राय फ्रÞूट, हरी सब्जिÞयां, बोर्नविटा, ब्रेड, मास्क और सेनिटाइजर इत्यादि है। वहीं ट्रस्ट बच्चों का विशेष ख़्याल रखते हुए अंडे, ब्रेड, दूध, हिमालया बेबी केयर किट और जोंशन बेबी किट का वितरण कर रही है। रेखा आगे कहती हैं, इस समय गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने और खाली प्लेटों को भरने की असली जरूरत है।

हैदराबाद में फंसे बांका, बिहार निवासी अभिमन्यु कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पैसे की कमी हो गई है, खाने-पीने का भी सामान समाप्त हो गया। वे कई लोगों के साथ मजदूरी करते थे। अभिमन्यु के मुताबिक रेखा चेरिटेबल ट्रस्ट के लोगों ने उनकी सहायता की। मधुबनी निवासी मदन साहनी हैदराबाद में बिंदेश्वर चौपाल और अपने कुछ साथियों के साथ कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे और लॉकडाउन के दौरान ठेकेदार ने फोन उठाना बंद कर दिया। इसके बाद संस्था के अधिकारियों से संपर्क साधा गया। संस्था की पूरी टीम ने खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई।
रेखा ने बताया कि खाने-पीने के साथ जरूरतमंद लोगो को ढूंढने में संस्था के पदाधिकारी दिन रात लगे हुए हैं। राहत सामग्री बांटने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख़्याल रखा जाता है। जिसे मेंटेन रखने के लिए रेखा ने एक नायाब तरीका भी इख्तियार किया है। वो अपने साथ साईकिल के टायर रखती हैं और हर एक मीटर की दूरी पर जरूरतमंदों को टायर के भीतर ही रहकर राहत सामग्री का लाभ लेना होता है।

