पुलिस का मनोबल तोड़ने का काम कर रही नीतीश सरकार, चौकीदार से उठक बैठक कराने का मामला

फुलवारी शरीफ। बिहार के अररिया में बिहार पुलिस के चौकीदार को कान पकड़ कर उठक-बैठक करने वाले कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर कार्रवाई के बजाये उनका ट्रांसफर पटना में करके उप निदेशक बनाये जाने को लेकर बिहार में राजनीति गरमा गयी है। राजद-कांग्रेस -आप के बाद अब बेरोजगार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश कुमार ने नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कैसा इंसाफ है, जो कानून तोड़ने और पुलिस जवान को बीच सड़क पर बेज्जत करने वाले अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को शाबासी देकर पटना में ट्रांसफर करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि गलती किसकी थी और ईमानदारी से ड्यूटी कौन निभा रहा था। रमेश ने कहा कि सरकार द्वारा ऐसे कानून तोड़ने वाले दोषियों को छूट देने की वजह से ही अन्य पदाधिकरियों का मानोबल बढ़ रहा है। इसके आलावा एक ताजा उदाहरण चकाई का है जहां जब एक दारोगा ने लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर वहां के बीडीओ को टोका तो बीडीओ साहब ने दारोगा पर पिस्टल तान दी। रमेश ने पूछा है कि क्या अब बीडीओ साहब को भी बिहार सरकार पुरस्कार देगी। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यदि इसी प्रकार बिहार में पुलिसकर्मियों या अन्य कर्मियों के साथ नाइंसाफी होती रही तो लॉक डाउन के बाद पार्टी के बैनर तले व्यापक प्रदर्शन किया जाएगा।
