लॉकडाउन के बीच बारिश से टमाटर की खेती हुई चौपट, सरकार से मदद की गुहार

फुलवारी शरीफ (अजीत)। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉक डाउन लगा है, लेकिन यह लॉक डाउन किसानों के लिए बड़ी मुसीबतें पैदा कर रहा है। आज अचानक हुई बारिश से फुलवारी शरीफ प्रखंड के गोनपुरा पंचायत के कई ऐसे गांव हैं जहां के किसानों की टमाटर की फसल खराब हो रही है। किसानों का कहना है कि लॉक डाउन में वैसे ही उनकी तैयार टमाटर को मंडी नहीं मिल रहा था, उपर से बारिश ने खेतो में ही पके टमाटर को सड़ने की पूरी व्यवस्था कर दिया। अब खुद को कोरोना से तो बचा लेंगे लेकिन उनकी मेहनत से उगाई गयी उपज की हो रही बर्बादी की वजह से होने वाले आर्थिक नुकसान से उन्हें कौन बचाएगा। किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। टमाटर की खेती कुरकुरी, हिन्दुनी, आलमपुर, गोनपुरा, शिवाचक, धुपार चक के अवधेश चौधरी, अशोक पासवान, सुनिल सिंह रंजन, रविन्द्र पासवान, सुदेश्वर चौधरी, राजकुमार चौधरी, श्याम चौधरी, उमेश यादव, योगेन्द्र पासवान, लड्डू पासवान, सुरेन्द्र पासवान सहित दर्जनों किसानों ने दुखड़ा रोते हुए बताया कि पहले चना, मसूर, खेसारी में नुकसान हुआ उसके बाद गेंहू की कटनी बाधित हो गयी। अब बची खुची आस टमाटर से लगी हुई थी कि इसकी कमाई से घर परिवार की हालत सुधरेगा लेकिन बारिश ने खेतों में पके हुए टमाटर को भी बर्बाद कर दिया। लॉकडाउन में सब्जी की मंदी है और इस वजह से कोई बड़ा व्यापारी उसे नहीं खरीद रहा। अगर टमाटर मंडी पहुंचा भी देते हैं तो उन्हें इसकी पूरी लागत नहीं मिलती है और उल्टा लागत से अधिक ट्रांसपोर्ट का खर्चा आ जाता है। इस वजह से उनको इस बार टमाटर की फसल में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि इस बार उनको टमाटर की पांच से छह बीघा फसल में 4 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। इस इलाके में करीब डेढ़ सौ से अधिक बीघे में टमाटर की खेती बर्बाद हो गयी है। वहीं संपत चक प्रखंड के दर्जनों गांव में बारिश ने खेतों में खड़ी गेंहू और प्याज की फसल को चौपट कर दिया है। संपत चक के उप प्रमुख रंजीत कुमार टप्पू ने बताया कि एक से डेढ़ घंटे की बारिश ने दर्जनों गांवों के किसानों को रुला कर रख दिया है। अब किसानों की अंतिम उम्मीद सरकार पर टिकी है, जहां से फसल क्षति का मुआवजा मिल सके।

About Post Author

You may have missed