वैशाली में बालू माफिया अरुण राय गिरफ्तार, लंबे समय से था फरार, दर्ज है कई गंभीर मामले
वैशाली। बिहार के वैशाली जिले में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए लंबे समय से फरार चल रहे बालू माफिया और वार्ड पार्षद अरुण राय को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी हाजीपुर नगर थाना पुलिस द्वारा की गई, जिसके बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। अरुण राय की गिरफ्तारी से इलाके में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि वह लंबे समय से अवैध बालू खनन और आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है।
कौन है गिरफ्तार आरोपी अरुण राय
गिरफ्तार आरोपी अरुण राय हाजीपुर नगर परिषद के वार्ड संख्या 16 का निर्वाचित पार्षद है। वह रामचौरा गांव का निवासी और स्वर्गीय रामप्रीत राय का पुत्र बताया जाता है। स्थानीय स्तर पर उसकी पहचान एक दबंग नेता और बालू माफिया के रूप में रही है। पुलिस के अनुसार, वार्ड पार्षद होने के प्रभाव और रौब का इस्तेमाल कर वह लंबे समय से अवैध बालू कारोबार में संलिप्त था और प्रशासनिक कार्रवाई को चुनौती देता रहा।
अवैध बालू खनन का नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया है कि अरुण राय का अवैध बालू खनन के एक संगठित नेटवर्क से संबंध था। नदियों और अन्य क्षेत्रों से नियमों को ताक पर रखकर बालू का खनन कराया जाता था। इस कारोबार से मोटी कमाई की जाती थी और स्थानीय स्तर पर डर का माहौल बनाया जाता था, ताकि कोई उसके खिलाफ आवाज न उठा सके। पुलिस का कहना है कि वह न केवल खुद अवैध गतिविधियों में शामिल था, बल्कि अपने लोगों के जरिए इस धंधे को संचालित करता था।
जून माह की गंभीर घटना
अरुण राय का नाम जून महीने में हुई एक गंभीर घटना के बाद सुर्खियों में आया था। उस समय हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र में उसका एक जेसीबी अवैध रूप से बालू खनन में लगा हुआ था। सूचना मिलने पर तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखते ही जेसीबी चालक ने वाहन तेजी से आगे बढ़ा दिया और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया। इस घटना में कई पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए, जिससे स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी।
पुलिस पर हमला और केस दर्ज
जेसीबी की इस हरकत के बाद पुलिस ने चालक को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद जून माह में हाजीपुर नगर थाना में दो अलग-अलग कांड दर्ज किए गए। ये कांड संख्या 691/25 और 692/25 हैं, जिन्हें आपसी मारपीट और फायरिंग से जुड़े काउंटर केस के रूप में बताया गया। कांड संख्या 692 में पहले ही दो आरोपियों को जेल भेजा जा चुका था, जबकि कांड संख्या 691 का नामजद आरोपी अरुण राय लंबे समय तक फरार चल रहा था।
लंबे समय से थी तलाश
इन मामलों के दर्ज होने के बाद से ही पुलिस अरुण राय की तलाश में जुटी हुई थी। लेकिन वह लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस की पकड़ से बचता रहा। आखिरकार गुप्त सूचना के आधार पर हाजीपुर नगर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। गिरफ्तारी के बाद उसे तुरंत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जिससे उसके समर्थकों में भी हलचल देखी गई।
आरोपी पर दर्ज गंभीर आपराधिक मामले
सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुबोध कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि अरुण राय के खिलाफ कुल सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें अवैध बालू खनन, मारपीट, फायरिंग, पुलिस टीम पर हमला, सरकारी वाहन में तोड़फोड़ और थानाध्यक्ष को चोट पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इस गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मान रही है।
अवैध संपत्ति की जांच शुरू
पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि अरुण राय द्वारा अवैध बालू कारोबार से अर्जित की गई संपत्तियों की जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी की चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने के लिए निरोधात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस संबंध में संबंधित विभागों को प्रस्ताव भेजने की तैयारी की जा रही है।
पुलिस की सख्त चेतावनी
वैशाली पुलिस ने साफ किया है कि अवैध बालू खनन और अपराध में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद या रसूख वाला क्यों न हो। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस तरह के अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। अरुण राय की गिरफ्तारी को इसी सख्त नीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
इलाके में मिली-जुली प्रतिक्रिया
अरुण राय की गिरफ्तारी के बाद इलाके में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इसे कानून का सख्त संदेश मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग हैरान हैं कि एक जनप्रतिनिधि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई से अवैध बालू खनन पर कुछ हद तक लगाम लग सकती है। वैशाली में बालू माफिया और वार्ड पार्षद अरुण राय की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। लंबे समय से फरार आरोपी का कानून के शिकंजे में आना यह संदेश देता है कि अब अवैध खनन और अपराध के खिलाफ प्रशासन गंभीर है। आने वाले समय में इस मामले की जांच और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई से कई और अहम खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।


