January 1, 2026

दिल्ली के ठगी गैंग का मुख्य अपराधी बांका से गिरफ्तार, दो साथी भी पकड़े गए, सीबीआई ने दबोचा

बांका। देश की राजधानी दिल्ली में करोड़ों रुपये के लोन के नाम पर की गई ठगी के एक बड़े मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो को बड़ी सफलता हाथ लगी है। वर्षों से फरार चल रहे ठगी गिरोह के मुख्य आरोपी को उसके दो साथियों के साथ बिहार के बांका जिले से गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
बांका के रजौन में हुई गिरफ्तारी
यह गिरफ्तारी बांका जिले के रजौन थाना क्षेत्र में गुरुवार देर शाम की गई। दिल्ली से आई सीबीआई की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रजौन बाजार स्थित एक होटल में छापेमारी की। होटल में ठहरे तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से एक की पहचान लंबे समय से फरार चल रहे मुख्य आरोपी के रूप में हुई। कार्रवाई के दौरान स्थानीय पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद रही और सीबीआई टीम को पूरा सहयोग दिया गया।
मुख्य आरोपी की पहचान और पृष्ठभूमि
गिरफ्तार मुख्य आरोपी की पहचान अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार के रूप में हुई है। वह भागलपुर जिले के नवगछिया थाना क्षेत्र के नया टोला का निवासी बताया जा रहा है। सीबीआई के अनुसार अमित कुमार सिंह के खिलाफ वर्ष 2015 में दिल्ली में ठगी का एक गंभीर मामला दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा।
ठगी का पूरा तरीका
जांच में सामने आया है कि आरोपी और उसके साथियों ने बेहद शातिर तरीके से ठगी को अंजाम दिया। आरोप है कि इन लोगों ने खुद को आरबीआई, सीबीआई और यहां तक कि ब्रिटिश पुलिस फोर्स का अधिकारी बताकर ई-मेल के माध्यम से लोगों से संपर्क किया। भरोसा जीतने के बाद वे बड़े लोन दिलाने का झांसा देते थे और प्रोसेसिंग फीस तथा अन्य खर्चों के नाम पर मोटी रकम वसूल लेते थे।
केरल के व्यक्ति को बनाया शिकार
इस मामले में केरल के त्रिवेंद्रम निवासी आइवी सदानंदन को ठगी का शिकार बनाया गया था। आरोप है कि अमित कुमार सिंह उर्फ राकेश कुमार और उसके सहयोगियों ने उन्हें 43 करोड़ रुपये का लोन दिलाने का आश्वासन दिया था। इसके बदले में उनसे करीब 3 लाख 46 हजार रुपये की राशि अलग-अलग मदों में वसूल ली गई। जब काफी समय बीत जाने के बाद भी लोन नहीं मिला, तब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और उसने इसकी शिकायत की।
सीबीआई जांच और आरोपी का फरार होना
पीड़ित की शिकायत के आधार पर 23 जनवरी 2015 को दिल्ली में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान आरोपी बार-बार समन और नोटिस के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुआ। लंबे समय तक फरार रहने के कारण एसीएमएम आरएडीसी कोर्ट, नई दिल्ली ने अमित कुमार सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया था। इसके बाद सीबीआई ने उसकी तलाश और तेज कर दी।
गुप्त सूचना से मिली सफलता
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, तकनीकी सर्विलांस और गुप्त सूचना के जरिए यह जानकारी मिली कि आरोपी पिछले दो दिनों से बांका जिले के रजौन बाजार स्थित एक होटल में ठहरा हुआ है। सूचना की पुष्टि होते ही दिल्ली से सीबीआई की एक विशेष टीम बांका पहुंची। स्थानीय पुलिस के सहयोग से होटल में छापेमारी की गई, जहां से मुख्य आरोपी के साथ उसके दो अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
स्थानीय पुलिस की भूमिका
इस छापेमारी अभियान में रजौन थानाध्यक्ष चंद्रदीप कुमार, अपर थानाध्यक्ष रवि कुमार और सब इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह समेत स्थानीय पुलिस बल मौजूद रहा। पुलिस ने होटल और आसपास के इलाके की घेराबंदी कर कार्रवाई को सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही होटल और बाजार क्षेत्र में लोगों की भीड़ जुट गई।
इलाके में चर्चा और प्रतिक्रिया
सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद रजौन और आसपास के इलाकों में चर्चा का माहौल बन गया। लोग यह जानने को उत्सुक थे कि आखिर किस बड़े मामले में सीबीआई ने अचानक छापेमारी की। वर्षों से फरार चल रहे आरोपी की गिरफ्तारी को लोग कानून की बड़ी सफलता के रूप में देख रहे हैं।
आगे की जांच और संभावनाएं
बांका के पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली से आई सीबीआई टीम द्वारा स्थानीय पुलिस के सहयोग से की गई है। वहीं सीबीआई की ओर से फिलहाल विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों से आगे की पूछताछ दिल्ली में की जाएगी।
ठगी नेटवर्क के और खुलासे की उम्मीद
सीबीआई सूत्रों का मानना है कि पूछताछ के दौरान इस ठगी गिरोह से जुड़े कई अन्य नाम सामने आ सकते हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस नेटवर्क के तार देश के अन्य हिस्सों और संभवतः विदेशों से भी जुड़े हो सकते हैं। फिलहाल, तीनों आरोपियों को दिल्ली ले जाकर आगे की कानूनी प्रक्रिया और गहन पूछताछ की तैयारी की जा रही है। बांका से हुई यह गिरफ्तारी न केवल सीबीआई के लिए बड़ी सफलता है, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक संदेश है कि चाहे अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो, कानून के हाथ लंबे होते हैं। वर्षों तक फरार रहने के बाद आखिरकार ठगी गिरोह का मुख्य आरोपी कानून के शिकंजे में आ गया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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