December 10, 2025

बिहार में ठंड में रेलवे ट्रैक पर होगी विशेष निगरानी, युद्धस्तर पर पेट्रोलिंग, हादसों पर लगेगी लगाम

पटना। बिहार में इस वर्ष ठंड ने जिस तेजी से अपना प्रभाव दिखाना शुरू किया है, उसने न केवल आम लोगों की दिनचर्या बदली है बल्कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है। तापमान में अचानक गिरावट और सर्द हवाओं के कारण रेल पटरियों के सिकुड़ने और दरार पड़ने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे समय में रेलवे ट्रैक की निगरानी और रखरखाव एक बेहद बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए दानापुर रेल मंडल ने ट्रैक सुरक्षा के लिए एक विशेष नाइट पेट्रोलिंग अभियान शुरू किया है, जिसे युद्धस्तर का ऑपरेशन कहा जा रहा है।
ठंड में ट्रैक के सामने आने वाली तकनीकी चुनौतियाँ
सर्दी बढ़ने पर लोहे की पटरियों का कॉन्ट्रैक्शन यानी सिकुड़न एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब तापमान अचानक गिर जाए तो यह सिकुड़न कभी-कभी पटरियों में क्रैक पैदा कर देती है। रेलवे के लिए यह स्थिति किसी संभावित दुर्घटना की शुरुआती चेतावनी होती है। इसलिए रेलवे ने इसे तकनीकी अपराध की तरह मानते हुए हर एक इंच ट्रैक की नियमित जांच शुरू कर दी है, ताकि किसी भी दरार को समय रहते पहचानकर ठीक किया जा सके।
नाइट पेट्रोलिंग की कार्यप्रणाली
दानापुर रेल मंडल की लगभग 2080 किलोमीटर लंबी रेल लाइन अब रात में विशेष निगरानी में रहती है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक विभिन्न टीमें लगातार ट्रैक पर गश्त करती हैं। इस उद्देश्य के लिए रेलवे ने 780 कर्मचारियों की एक बड़ी टीम तैनात की है। इन्हें दो-दो कर्मियों की यूनिट में बांटा गया है। यह व्यवस्था ठीक वैसे है जैसे रात में उच्च सुरक्षा क्षेत्रों में पुलिस दो सिपाहियों की टीम में गश्त करती है। डबल लाइन रूट पर हर एक टीम को 2 किलोमीटर और सिंगल लाइन सेक्शन पर 4 किलोमीटर का क्षेत्र सौंपा गया है। इससे ट्रैक का हर हिस्सा कवर हो जाता है और किसी भी प्रकार की गलती या चूक की संभावना समाप्त हो जाती है। टीमें अपने-अपने क्षेत्रों की जिम्मेदारी के अनुसार पटरियों के हर जोड़, क्लिप, चैनल और स्लीपर की बारीकी से जांच करती हैं।
अहम रूटों पर विशेष चौकसी
झाझा–पटना–डीडीयू रेलखंड जैसे महत्वपूर्ण रूटों को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है। इन रूटों पर ट्रेनों की आवाजाही अधिक होती है और पटरियों पर दबाव भी ज्यादा रहता है, इसलिए इन क्षेत्रों में गश्त और अधिक सख्ती से की जाती है। यहां टीमें अक्सर अतिरिक्त सावधानी के साथ हर समस्या की जांच करती हैं, ताकि किसी संभावित दुर्घटना की आशंका को पहले ही समाप्त किया जा सके।
मिडपॉइंट मीटिंग प्रोटोकॉल
इस पूरी प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण और दिलचस्प हिस्सा है मिडपॉइंट मीटिंग का प्रोटोकॉल। पेट्रोलिंग टीमें दोनों दिशाओं से चलते हुए अपने-अपने सेक्शन की निगरानी पूरी करती हैं और फिर तय स्थान पर एक-दूसरे से मिलती हैं। वे एक-दूसरे के पेट्रोलिंग रजिस्टर पर हस्ताक्षर करती हैं, जिससे यह पुष्टि हो जाती है कि संपूर्ण क्षेत्र की जांच पूरी हो चुकी है। यह एक तरह से चेन ऑफ एविडेंस है, जो सुनिश्चित करती है कि किसी भी हिस्से को जांच से छोड़ा नहीं गया।
संदिग्ध स्थिति मिलने पर तत्काल कार्रवाई
रेलवे अधिकारियों के अनुसार यदि पेट्रोलिंग के दौरान कहीं भी क्रैक, गैप या किसी सस्पिशियस गतिविधि के संकेत मिलते हैं, तो तुरंत मरम्मत दल को बुलाया जाता है। यह कार्रवाई एक तरह से एन्फोर्समेंट ऑपरेशन की तरह होती है, जहां समय नष्ट किए बिना स्थल पर पहुंचकर काम शुरू कर दिया जाता है। तेज और सटीक कार्रवाई से संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
अभियान की अवधि और लक्ष्य
रेलवे ने इस विशेष निगरानी अभियान को फरवरी 2026 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। सर्दी के दिनों में ट्रैक पर गड़बड़ियों की संभावना लगातार बनी रहती है, इसलिए लंबी अवधि की निगरानी को आवश्यक माना गया है। इस अभियान का लक्ष्य है यात्रियों को सुरक्षित और निर्बाध यात्रा उपलब्ध कराना तथा ट्रेनों के संचालन को पूर्ण नियंत्रण में रखना।
रेल मंडल का आधिकारिक बयान
दानापुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सर्दियों में पटरियों पर क्रैक और सिकुड़न की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसलिए नाइट पेट्रोलिंग किसी सुरक्षा अभियान से कम नहीं है। उनका मानना है कि इस तरह की सावधानियां रेलवे को संभावित हादसों को रोकने में बेहद मददगार साबित होती हैं।
यात्रियों की सुरक्षा का मजबूत भरोसा
यह पूरा अभियान रेलवे की सुरक्षा रणनीति को मजबूत करने वाला कदम है। इससे यात्रियों में विश्वास बढ़ेगा कि ठंड के मौसम में भी रेल यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। रेलवे की यह सक्रियता न केवल दुर्घटनाओं की रोकथाम में मदद करेगी, बल्कि रेलवे प्रणाली की विश्वसनीयता और तकनीकी तैयारी का भी प्रमाण है।

You may have missed